सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : मुक्केबाजी में 6 बार की वर्ल्ड चैंपियन एमसी मैरी कॉम (मैंगटे चुंगनेइजैंग मैरी कॉम) ने संन्यास नहीं लिया है। उन्होंने गुरुवार को बताया कि मेरी बातों का गलत मतलब निकाला गया।
उन्होंने कहा, ‘मैंने अभी तक संन्यास की घोषणा नहीं की है और मेरी बात को गलत तरीके से सामने रखा गया। जब भी मुझे इसकी घोषणा करनी होगी, मैं व्यक्तिगत रूप से मीडिया के सामने आऊंगी। मैंने कुछ मीडिया रिपोर्ट देखी हैं जिनमें कहा गया है कि मैंने संन्यास की घोषणा कर दी है और यह सच नहीं है।’
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार रात एक इवेंट में उन्होंने संन्यास का ऐलान किया था। मैरी कॉम ने अपना आखिरी मुकाबला कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के ट्रायल के दौरान खेला था।
मैरी कॉम ने इस इवेंट में कहा था- ‘मैंने अपने जीवन में सब कुछ हासिल कर लिया है। मुझमें अब भी कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने की भूख है, लेकिन इंटरनेशनल मुक्केबाजी संघ के नियम ऐसा करने की इजाजत नहीं देते हैं। पुरुष और महिला मुक्केबाजों को केवल 40 की उम्र तक मुक्केबाजी करने की अनुमति होती है, इसलिए मैं अब किसी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकती।’
मैरी कॉम 41 साल की हो गई हैं। उन्होंने 2012 लंदन ओलिंपिक गेम्स में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था। वे 6 बार वर्ल्ड चैंपियन भी रह चुकी हैं। मैरी कॉम ऐसा करने वाली इकलौती महिला मुक्केबाज हैं। इसके अलावा वे 5 बार एशियाई चैंपियनशिप जीतने वाली भी इकलौती खिलाड़ी हैं।
ऐसा रहा मैरी कॉम का करियर
18 की उम्र की थी शुरुआत : मैरीकॉम ने बॉक्सिंग कॅरियर की शुरुआत 18 साल की उम्र में स्क्रैंटन, पेनसिल्वेनिया में की थी। जहां अपनी क्लियर बॉक्सिंग टेक्नीक से उन्होंने सभी को प्रभावित किया और 48 KG कैटेगरी के फाइनल में जगह बनाई। फाइनल में वह पिछड़ गईं, लेकिन लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रहीं।
जुड़वा बच्चों के जन्म के बाद लिया ब्रेक : मैरी कॉम इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) की वुमन बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। उन्होंने 2005, 2006, 2008 और 2010 में वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीता। 2008 का खिताब जीतने के बाद, मैरी अपने जुड़वां बच्चों को जन्म देने के बाद ब्रेक पर चली गईं।
2012 में लंदन ओलिंपिक में जीता ब्रॉन्ज : 2012 के लंदन ओलिंपिक में मैरी कॉम ने 51KG कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके बाद मैरी ने तीसरे बच्चे को जन्म दिया और वे एक बार फिर ब्रेक पर चली गईं। उन्होंने 2018 में उन्होंने दिल्ली में वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपना छठा टाइटल जीता, जहां उन्होंने यूक्रेन की हन्ना ओखोटा पर 5-0 से जीत दर्ज की थी।