सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमएचआरसी) में समग्र स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ आहार’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ मनीषा श्रीवास्तव मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थी। कार्यक्रम में उपस्थित कर्मचारियों व प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए संस्थान के अनुसंधान विभाग की प्रमुख डॉ पुनीत गांधी ने बताया कि हम अपनी लाइफस्टाइल और कुकिंग पैटर्न में थोड़ा बदलाव लाकर अपनी अपनी लाइफ को हेल्दी बना सकते हैं।
हर व्यक्ति की उसकी उम्र, जरूरत, परिवेश आदि के आधार पर प्रतिदिन का एक रूटीन या बायोलॉजिक साइकल होती है, इसे सिनकार्डियन रिदम कहते हैं। अगर यह बिगड़ती है, तो व्यक्ति के स्वास्थ्य पर असर पड़ने लगता है। उन्होंने कहा कि बहुत सारी छोटी—छोटी बाते हैं, जिन्हें अगर हम अपने जीवन में अपनाएं, तो कई बीमारियों से बच सकते हैं और अगर बीमारियों से पीड़ित हों, तो उनको अच्छी तरीके से मैनेज कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर रात 2 बजे के बाद हमारा लिवर सुप्त अवस्था में चला जाता है, तो हमें इस समय के बाद न तो कुछ खाना चाहिए और न ही सोना चाहिए। इसी तरह, अगर सुबह उठकर हम कुछ देर के लिए घर से बाहर निकल जाएं, तो हमारा पूरा दिन तरोताजा रहता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने खाने—पीने के पैटर्न में भी बदलाव करना जरूरी है। जैसे—माना जाता है कि अगर शरीर की नर्व डैमेज हो जाती है, तो उसे रिपेयर करना नामुमकिन है, लेनिक अब कई नई रिसर्च यह बताती हैं कि अगर हम ओमैगा थ्री, मैग्नीशियम, मिथाइलकोबलामीन युक्त पदार्थ लेंगे, तो काफी हद तक नर्व डैमेज को ठीक किया जा सकता है। इसी तरह अपनी डाइट में परिवर्तन कर डायबिटीज, हाइपरटेंशन, आर्थराइटिस जैसी बीमारियों को दूर सकते हैं या उन्हें अच्छी तरह मैनेज कर सकते हैं। प्रभारी निदेशक डॉ मनीषा श्रीवास्तव ने कहा कि जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है। अगर अनुशासन से रहेंगे तो स्वस्थ भी रहेंगे। हमें अपने खानपान में नेचुरल फूड को प्राथमिकता देना चाहिए। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और अगर शरीर में कुछ भी आसामान्य लगे तो तुरंत जांच करवाना चाहिए। संगोष्ठी के दौरान रिसर्च विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ रविंद्र एम. समर्थ ने आईसीएमआर द्वारा भारतीयों के लिए जारी पोषण दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी दी।