सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ : भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) के गैस्ट्रो मेडिसिन विभाग में चिकित्सकीय `दक्षता का एक बेहतरीन उदाहरण सामने आया है। ललितपुर (उ.प्र.) के 54 वर्षीय मरीज के आहार नली में फंसे दांत को बिना ऑपरेशन, एंडोस्कोपी के जरिए सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया, जिससे उसकी जान को गंभीर खतरे से बचा लिया गया।
मरीज लंबे समय से भोजन निगलने में असमर्थ थे और तरल पदार्थों के सहारे जीवन व्यतीत कर रहे थे। बोलने में भी उसे कठिनाई हो रही थी। इलाज के लिए वह ललितपुर, झांसी, ग्वालियर और भोपाल के कई अस्पतालों में गए। जांच में पता चला कि आहार नली में कोई कठोर वस्तु—संभवतः दांत—फंसी हुई है। ग्वालियर में एंडोस्कोपी के प्रयास विफल रहे। इसके बाद विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टरों ने बताया कि दांत को निकालने के लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा, लेकिन मरीज की उम्र और स्थिति को देखते हुए यह ऑपरेशन अत्यंत जोखिमपूर्ण हो सकता था और जान को खतरा भी था।
मरीज बीएमएचआरसी पहुंचे और उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसी दिन आपातकालीन एंडोस्कोपी की गई। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की विजिटिंग कंसल्टेंट डॉ. तृप्ति मिश्रा के नेतृत्व में एंडोस्कोपी टीम ने सावधानीपूर्वक यह जटिल प्रक्रिया पूर्ण की और दांत को सुरक्षित निकालने में सफलता प्राप्त की। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान मरीज की निरंतर मॉनिटरिंग की गई, जिससे संभावित जटिलताओं से बचाव संभव हो सका। इस एंडोस्कोपी टीम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी अब्दुल राशिद, चिकित्सा अधिकारी अभय मिश्रा, एंडोस्कोपी सुपरवाइज़र शिवजी ठाकुर, नर्सिंग आॅफिसर स्मिता सिंह, टेक्नीशियन राकेश सिरमोलिया, कालूराम मीणा, मो. शारिक और ओबैज़ जमाल फार्रुखी थे, जिन्होंने मिलकर इस संवेदनशील प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न किया। सफल एंडोस्कोपी के बाद अब मरीज सामान्य रूप से भोजन कर पा रहा है और बोलने में भी आराम महसूस कर रहा है।
बीएमएचआरसी की निदेशक प्रभारी मनीषा श्रीवास्तव ने कहा:
“यह केस हमारे संस्थान की चिकित्सकीय सजगता, टीमवर्क और तकनीकी दक्षता का उत्कृष्ट उदाहरण है। गंभीर और जटिल मामलों में भी हम बिना देरी के जीवनरक्षक निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सफलता इस बात को दर्शाती है कि विशेषज्ञता और तत्परता मिलकर असंभव को संभव बना सकते हैं। बीएमएचआरसी, न केवल गैस पीड़ितों बल्कि ज़रूरतमंद हर मरीज के लिए एक भरोसेमंद केंद्र है।”
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