सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमएचआरसी) के डॉक्टरों ने मूत्राशय के कैंसर से जूझ रही एक 60 वर्षीय गैस पीड़ित महिला की जटिल सर्जरी की है। कैंसर की वजह से खराब हो चुके हो चुके मूत्राशय को निकालकर एक नया मूत्राशय बनाया और बहुत कम समय में यह सर्जरी पूरी की। मरीज की हालत में अब सुधार है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे गई है।
बीएमएचआरसी के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख शारिक उल हसन ने बताया कि यह महिला बीते 6 महीनों से मूत्राशय के कैंसर से पीड़ित थी। कैंसर उनके पूरे मूत्राशय में फैल गया था, जिसकी वजह से यूरिन में बार—बार खून आ रहा था। उनका हीमोग्लोबिन काफी कम कितना कम हो गया था। किडनी में भी सूजन आ गई थी। सर्जरी ही एकमात्र उपाय था। कैंसर के फैल जाने के कारण मूत्राशय को निकालने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था, लेकिन ऐसा करने पर नया मूत्राशय बनाना आवश्यक था। कैंसर सर्जरी विभाग में सहायक प्रोफेसर सोनवीर गौतम ने बताया कि हमने छोटी आंत के एक हिस्से को काटकर उसका मूत्राशय बनाया। किडनी से यूरिन को मूत्राशय तक लाने वाले यूरेटर्स को नए मूत्राशय से जोड़कर सर्जरी पूरी की। अब मरीज को मूत्राशय के द्वार पर स्टोमा बैग लगाना होता है, ताकि शरीर से निकलने वाला यूरिन उसमें इकट्ठा हो सके।
निदेशक गौतम ने बताया कि इस पूरे आॅपरेशन को Ileal Conduit कहा जाता है। हमने यह सर्जरी मात्र 6 घंटे में पूरी कर ली। सर्जरी के बाद मरीज अब मरीज कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी करवा सकेंगी। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत जटिल सर्जरी है और भोपाल के गिनेचुने अस्पतालों में ही होती है।
एनेस्थीशियोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर संध्या इवने ने बताया कि सर्जरी में लगने वाला वक्त मरीज की रिकवरी में अहम भूमिका निभाता है। अगर मरीज को ऑपरेशन के लिए अधिक समय तक बेहोश रखा जाता है तो उसे वापस होश में आने भी काफी वक्त लगता है। उसे अधिक समय तक वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है, जिससे जटिलताओं की आशंका बढ़ जाती है।
प्रभारी निदेशक, बीएमएचआरसी का वर्जन
इस सर्जरी ने एक बार फिर यह प्रमाणित किया है कि बीएमएचआरसी अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीकों और समर्पित विशेषज्ञ डॉक्टरों की बदौलत गंभीर से गंभीर बीमारियों का सफल इलाज करने में सक्षम है। हमारी प्राथमिकता मरीजों को न केवल राहत प्रदान करना है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना भी है। यह उपलब्धि हमारी टीम की कड़ी मेहनत और उनके उत्कृष्ट कौशल का परिणाम है। बीएमएचआरसी यह सुनिश्चित करता रहेगा कि हर मरीज को सर्वश्रेष्ठ और आधुनिक चिकित्सा सेवाएं मिलें।
निदेशक मनीषा श्रीवास्तव, प्रभारी निदेशक, बीएमएचआरसी, भोपाल
विश्व में नौंवा सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर
मूत्राशय का कैंसर (Bladder Cancer) विश्व स्तर पर नौवां सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (IARC) के अनुसार, 2022 में वैश्विक स्तर पर 600,000 से अधिक लोग इस बीमारी से प्रभावित हुए और 220,000 से अधिक मौतें हुईं। इसका मुख्य कारण तंबाकू सेवन और कुछ क्षेत्रों में परजीवी संक्रमण (जैसे Schistosoma haematobium) है। कैंसर की यह समस्या पुरुषों में अधिक सामान्य है। 4 पुरुषों के मुकाबले 1 महिला को यह कैंसर होता है। भारत में मूत्राशय के कैंसर की स्थिति चिंताजनक है। हर साल लगभग 19,000 नए मामले दर्ज किए जाते हैं। देश में कैंसर से मृत्यु दर करीब 5-7% है, हालांकि इलाज की कमी के कारण यह संख्या अधिक भी हो सकती है।
कारण
तंबाकू का सेवन (मुख्यतः धूम्रपान)।
केमिकल एक्सपोजर (रसायनों का प्रभाव)।
मूत्राशय संक्रमण, जैसे कि Schistosomiasis।
परिवार में कैंसर का इतिहास।
लक्षण
पेशाब में खून आना (hematuria)।
बार-बार पेशाब आना या पेशाब करने में तकलीफ।
मूत्राशय में दर्द या जलन।

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