सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : हर वर्ष विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है! जिसका उद्देश्य कैंसर के प्रति जागरुकता प्रसारित करना, इसके कारणों और बचाव के प्रति जानकारी देना और इससे प्रभावित लोगों को समर्थन प्रदान करना है।
इसी कड़ी में बीएमएचआरसी सभागार में “महिला स्वास्थ्य- एक समग्र दृष्टिकोण” कार्यक्रम के अंतर्गत कैंसर पर जागरुकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बीएमएचआरसी के कैंसर रोग विभाग में सहायक प्रोफेसर सोनवीर सिंह गौतम ने जानकारी दी कि ब्रेस्ट कैंसर के मामले हर वर्ष 8-9 % के हिसाब से बढ़ रहे हैं। वर्ष 2015 में ब्रेस्ट कैंसर के जहां डेढ़ लाख मामले सामने आए थे, वहीं अब वर्ष 2025 में ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या बढ़कर दोगुनी हो चुकी है। हमारे देश में सभी प्रकार के कैंसर में केवल ब्रेस्ट कैंसर का ही प्रतिशत 28% है। कैंसर एक ऐसा रोग है, जो अपनी जड़े चुपचाप फैलाता जाता है।

इससे बचाव के लिए 20 वर्ष की उम्र के बाद महिलाएं इसका स्वयं ही घर पर परीक्षण कर सकती हैं। खासतौर पर 40 साल की उम्र के बाद तो हर महिला को मेमोग्राफी की जांच प्रत्येक वर्ष अवश्य कराना चाहिए।
यदि ब्रेस्ट कैंसर की पहचान प्रारंभिक स्तर पर हो जाए तो ये जंग जीती जा सकती है। लंबे इलाज की जरूरत नहीं पड़ती, कम पैसों में इलाज हो जाता है, क्वालिटी लाइफ अच्छी होती है और मरीज का सर्वाइवल रेट बढ़ जाता है। वहीं यदि कैंसर की तीसरी-चौथी स्टेज पर रोग का पता चलने पर रोग के गंभीर लक्षण और परिणाम देखने में आते हैं।
निदेशक सोनवीर गौतम ने आगे कहा कि बचाव महत्वपूर्ण है, इसलिए प्रत्येक महिला को स्वयं का सेल्फ एक्जामिनेशन करना चाहिए कि ब्रेस्ट या एक्सिला में कोई गठान तो नहीं है, ब्रेस्ट निप्पल अंदर की ओर तो नहीं हो गया, उससे किसी प्रकार का कोई स्त्राव तो नहीं हो रहा, ब्रेस्ट की त्वचा का सुकड़ना या गड्ढा होना। यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो मेमोग्राफी जांच कराकर चिकित्सक से परामर्श कर उपचार शुरू करना ही एकमात्र तरीका है।
कार्यशाला में संस्थान की प्रभारी निदेशक मनीषा श्रीवास्तव ने कहा कि आगामी सोमवार से बीएमएचआरसी की महिला स्टाफ कर्मियों की मेमोग्राफी करना प्रारम्भ की जाएगी। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर बहुत ही कॉमन है। एक महिला होने के नाते ब्रेस्ट कैंसर की पकड़ में आने से बचने के लिए इसके प्रति जागरूक रहना जरूरी है यही इसका अस्त्र है, जिससे कैंसर को हराया जा सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। किसी के परिवार में यदि ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री है, तो उनमें यह कैंसर होने की संभावना ज्यादा हो सकती है। ब्रेस्ट में किसी भी प्रकार की गठान कैंसर की नहीं हो सकती, इसलिए इसका परीक्षण अवश्य कराना चाहिए।

#बीएमएचआरसी #विश्वकैंसरदिवस #कैंसरजागरूकता #स्वास्थ्य #चिकित्सा #हेल्थकेयर #कैंसररोकथाम #कैंसरउपचार #जागरूकताव्याख्यान