बिलासपुर । भाजपा पार्षदों ने महापौर रामशरण यादव को दो टूक शब्दों चेतावनी दी है कि पानी निकासी, नाली और बिजली की समस्या जल्द दूर करें, नहीं तो निगम कार्यालय के सामने आंदोलन करेंगे, धरना देंगे। भाजपा पार्षदों की इस धमकी को सफाई ठेकेदारों के खिलाफ की गई करवाई का रिएक्शन माना जा रहा है। वो महापौर को चेतावनी देने चाह रहे है कि महापौर अपने दायरे में रहे।
नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अशोक विधानी, दुर्गा सोनी, विजय ताम्रकार, राजेश सिंह, सुनीता मानिकपुरी, रेणुका नागपुरे, मोती गंगवानी और लक्ष्मी यादव ने महापौर रामशरण यादव को लिखे पत्र में कहा है कि शहर में बरसात के पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण शहर में चारों ओर जलभराव की समस्या विद्यमान है साथ ही अमृत मिशन का कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण चारों तरफ बड़े-बड़े गड्ढे भी हैं और सड़को में स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था नहीं है। नगर निगम बिलासपुर के द्वारा कोई भी व्यवस्था बरसात के पूर्व नहीं की गई है। आए दिन अखबारों के माध्यम से एवं पार्षदों के द्वारा इस संबंध में शिकायत की जा रही है फिर भी नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जलभराव के कारण आम जनता को घर से बाहर निकलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तथा बरसात का गंदा पानी जमा होने के कारण लोगों के घरों में घुस जा रहा है। सड़कों पर लाइट नहीं जलने के कारण अंधकार छाया रहता है जिससे चोरी दुर्घटना व अन्य अपराधिक गतिविधियां बढ़ रही है शीघ्र ही इन समस्याओं का निराकरण नगर निगम के द्वारा नहीं किया जाता है तो भाजपा पार्षद दल के द्वारा नगर निगम मुख्यालय का एवं व्यापक रूप से धरना प्रदर्शन किया जाएगा। भाजपा पार्षदों द्वारा महापौर को दी गई इस चेतावनी को महापौर द्वारा की गई उस कार्रवाई का रिएक्शन माना जा रहा है जिसमे सफाई ठेकेदारों पर जुर्माना किया गया था।
गौरतलब है कि लगभग सप्ताहभर पहले महापौर ने सफाई ठेकेदारों पर करवाई करते हुए जुर्माना किया था। इस करवाई में पूर्व रूढ्ढष्ट सदस्य विजय ताम्रकार के भाई अजय ताम्रकार और भाजपा नेता पंकज तिवारी भी शामिल थे। ये दोनों पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के बेहद करीबी है। दोनों पिछले कई सालों से सफाई ठेका ले रहे है। लेकिन वार्डों में जितनी संख्या में सफाई कर्मचारी लगाना चाहिए उसका आधा भी नही लगा रहे है। जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तो सारी चोरी दबा दी जाती थी। लेकिन पिछले दिनों महापौर ने इन दोनों की चोरी को रंग हाथ पकड़ लिया था और फाइन कर दिया था। इसी करवाई के बाद से भाजपा के पार्षद बौखला गए है और महापौर के खिलाफ दबाव की राजनीति पर उतर आए है।