भोपाल । राजधानी के कचरे से जल्दी ही बायो सीएनजी के साथ ही टोरेफाइड चारकोल बनना शुरु हो जाएगा। नगर निगम ने इस काम के लिए प्लांट की स्थापना करने 15 एकड़ जमीन एनटीपीसी को आवंटित करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा है। सूत्रों की माने तो आदमपुर छावनी लैंडफिल साइट (कचरा खंती )पर 300 टन म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट से बायो सीएनजी बनाने का प्लांट लगाया जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार की कंपनी नेशनल थर्मल पॉवर कापोर्रेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) 400 टन सॉलिड वेस्ट से टोरेफाइड चारकोल बनाएगी। कंपनी इस पर लगभग 80 करोड़ रुपए खर्च करेगी। कुछ दिन पूर्व नगर निगम आयुक्त वीएस चौधरी कोलसानी ने एनटीपीसी के डायरेक्टर फाइनेंस एवं चेयरमेन एनवीवीएन अनिल कुमार गौतम के साथ आदमपुर छावनी में लगने वाले सालिड वेस्ट से टोरेफाइड चारकोल बनाने वाले प्लांट स्थापित करने को लेकर चर्चा की थी, जिसमें दोनों के मध्य जल्द ही प्लांट निर्माण को लेकर सहमति बनी थी। प्लांट की क्षमता 400 टन प्रतिदिन सूखे कचरे से चारकोल निर्माण की होगी। यह कार्य बिल्ट ऑन ऑपरेट मॉडल पर आधारित है। इस प्लांट की स्थापना एवं संचालन-संधारण कार्य एनटीपीसी द्वारा ही 25 वर्ष तक किया जाना है। नगर निगम द्वारा 400 टन प्रतिदिन (20 प्रतिशत) सूखा कचरा उपलब्ध कराना होगा। जबकि कचरे से बनने वाले कोयले पर एनटीपीसी का अधिकार होगा। प्लांट की स्थापना में 15 माह का समय लगना संभावित है तथा स्थापना में राशि 80 करोड़ का व्यय अनुमानित है। बिल्ट ऑन आपरेट मॉडल पर आधारित इस प्रोजेक्ट से कचरे के प्रोसेसिंग में सालाना खर्च होने वाली 4 करोड़ 86 लाख 18 हजार रुपए की बचत होगी। बता दें कि शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट से टोरेफाइड चारकोल निर्माण हेतु प्लांट लगाने के लिए एनटीपीसी से नगर निगम 27 अक्टूबर 2020 को करार कर चुका है।