बिलासपुर- नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध और शराब बिक्री के बयान पर कांग्रेस ने कहा कि शराब को उच्च शिखर पर पहुचाने वाले पद जाते ही चिंतित हो रहे है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक ने कहा भाजपा ने 2014 के अपनी घोषणा पत्र में शराब बंदी की बात की और सत्ता में आते ही कमेटी का गठित कर इतिश्री कर ली।पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट नही आई और न ही शराब बंदी के लिए कोई ठोस पहल की गई। कांग्रेस ने कहा कि 2000–01 में छत्तीसगढ़ को 32.61करोड़ शराब से आय होती थी पर भाजपा सरकार ने अपने 15 वर्षो के कार्यकाल में शराब को आय का मुख्य साधन बना लिया और शराब बिक्री से 100% से ज्यादा लाभ लेने लगी जो 2018 में डॉ रमन सिंह ने बाकायदा लक्ष्य निर्धारित करते हुए, शराब की बिक्री से आय को 3800 करोड़ रखा। जबकि उसके पूर्व वर्ष में मात्र 3200 करोड़ की बिक्री हुई थी। अर्थात 600 करोड़ के अधिक बिक्री। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा ने अवैध बिक्री का बहाना बनाकर शराब के निगम बनाकर सरकारी करण की और शराबियो को आकर्षित करने के लिए हाई टेक् दुकाने संचालित करने लगी। कांग्रेस ने कहा कि शराब बिक्री को लेकर डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री के रूप में कहा था कि”सरकार ने जनहित में निर्णय लिया है और किसी के धरने-प्रदर्शन से कोई फर्क नही पड़ेगा। इसी प्रकार तत्कालीन आबकारी मंत्री अमर अग्र्रवाल ने कहा था कि ” सरकार शराब बेचेगी तो अवैध तरीके से बिकने वाली शराब पर रोक लगेगी। कांग्रेस ने कहा ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान के साथ खड़े रहने वाले नेता प्रतिपक्ष छत्तीसगढ़ में शराब के कारण बढ़ते अपराध पर चिंतित है किंतु नेता प्रतिपक्ष ये भूल जाते है कि उन्ही की पार्टी के पूर्व मंत्री स्व बलिहार सिंह और उनके परिवार पर दारू लॉबी ने कातिलाना हमला किये थे? इसी प्रकार सिलयारी रायपुर में अवैध शराब के विरोध करने पर कांग्रेस नेता कन्हैया यादव और प्रकाश सिंह ठाकुर पर गुर्गे कातिलाना हमला कर जान से मारने की कोशिश की थी। जिस पर भाजपा सरकार ने एफआईआर तक होने नही दिया। कांग्रेस ने कहा कि भूपेश सरकार अपनी घोषणा पत्र में किये वादों को पूरा कर रही है और छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की जनता के लिए उनके हित मे ही निर्णय लेंगे। कांग्रेस ने कौशिक से पूछा कि भाजपा ने 2014 में अपनी घोषणा पत्र में शराबबंदी की बात की। वो पूर्ण क्यो नही किया गया ।