नए साल की शुरुआत होते ही बॉलीवुड को बड़ा झटका लगा है। मशहूर राइटर संजय चौहान का निधन हो गया है। इरफान की फिल्‍म ‘पान सिंह तोमर’ के राइटर संजय चौहान ने गुरुवार, 12 जनवरी को मुंबई के अस्‍पताल में आख‍िरी सांसें लीं। वह 62 साल के थे। संजय चौहान क्रोनिक लिवर बीमारी से पीड़‍ित थे। संजय ने ‘आई एम कलाम’ की भी कहानी लिखी थी। तिग्‍मांशु धूलिया के साथ उन्‍होंने ‘साहब बीवी और गैंगस्‍टर’ फिल्‍म की भी कहानी लिखी थी।

परिवार में Sanjay Chouhan की पत्‍नी सरिता और बेटी सारा हैं। बॉलीवुड के लेखकों की बिरादरी में संजय चौहान का बड़ा नाम था। वह जमीन से जुड़ी कहानियों में तगड़ी पकड़ रखते थे। संजय चौहान को साल 2011 में फिल्‍म ‘आई एम कलाम’ के लिए बेस्‍ट स्‍टोरी का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था। उन्‍होंने ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ और ‘धूप’ जैसी लीग से हटके फिल्‍मों की भी कहानी लिखी थी।

पत्रकार से स्‍टोरी राइटर बने थे संजय चौहान

संजय चौहान का जन्म और पालन-पोषण मध्‍य प्रदेश के भोपाल में हुआ। उनके पिता भारतीय रेलवे के लिए काम करते थे। जबकि मां एक स्कूल टीचर थीं। संजय चौहान ने फिल्‍मों में एंट्री से पहले दिल्ली में एक पत्रकार के रूप में करियर शुरू किया था। इसके बाद 1990 के दशक में वह सोनी टेलीविजन के लिए क्राइम-बेस्‍ड शो ‘भंवर’ की कहानी लिखने के लिए मुंबई चले गए। वह एक बेहतरीन डायलॉग राइटर भी थे। सुधीर मिश्रा की 2003 में रि‍लीज फिल्‍म ‘हजारों ख्‍वाहिशें ऐसी’ के लिए संजय ने ही डायलॉग्‍स लिखे थे।

संजय चौहान का अंतिम संस्कार शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 बजे मुंबई के ओशिवारा श्मशान घाट में किया जाएगा।