सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : विश्व जल दिवस के अवसर पर, भू- विज्ञान विभाग,बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में एक जल सरंक्षण पर कार्यशाला एवं जल सरंक्षण जागरूकता प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यशाला सयोजक विनीशा सिंह ने सभी अतिथि का स्वागत कर मंच का संचानल किया|इस कार्यशाला का उद्देश्य जल संरक्षण और ग्लेशियर जल प्रबंधन के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना था।
इस कार्यशाला एवं जागरूकता प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के सेवानिवृत्त डायरेक्टर रवि सिन्हा ने कहा कि ग्लेशियरों का पिघलना गंभीर पर्यावरण संकट का संकेत है | कार्यशाला की संयोजक और भू- विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष विनीशा सिंह ने कहा कि वर्तमान दौर में दुनिया में जल संकट विकराल होता जा रहा है | ग्लेशियर पिघल रहे हैं ,जिससे जल संकट गहरा रहा है | अगर हम जल को लेकर आज नहीं चेते तो कल कितने संकट आएंगे , उसकी भयावह तस्वीरें आना शुरू हो गईं हैं | इसलिए आज जल के साथ ग्लेशियर सरंक्षण कर पर्यावरण भी बचाएं |
विशिष्ट अतिथि कृषि विभाग के संयुक्त संचालक ए. के .नेमा ने कहा कि परंपरागत तरीके से जल और मृदा संरक्षण कर पर्यावरण संकट से बच सकते हैं | कार्यशाला में, सी.जी.डव्लू.बी के वैज्ञानिक हरिशंकर नामदेव ने पानी के लिए भूभोतिक सर्वेक्षण तकनीक के महत्व पर जोर दिया | अमय फाउंडेशन से निदेशक ए .के .विश्वकर्मा ,मोतीलाल विज्ञानं महाविद्यालय से सेवानिवृत वी के पाराशर ने भी जल के महत्व और इसके संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर छात्रों के लिए जल संरक्षण पर जागरूकता पोस्टर/प्रदर्शनी लगाई गई |
इस कार्यक्रम में वी.आई.टी. सीहोर से डॉ. हर्श्लाता विश्वकर्मा,जी.एस.आई.वैज्ञानिक,निदेशक दिनेश कुमार उमक,विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और छात्र शामिल हुए। कार्यशाला में लगभग 80 प्रतिभागियों ने सहभागिता की |

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