सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: नौतपा के सातवे दिन सूरज के तेवर तीखे हैं। सुबह हल्की ठंडी हवा चली। सुबह 5.30 बजे पारा 31 डिग्री दर्ज किया गया। साढ़े आठ बजे ये 33.4 डिग्री पर पहुंच गया। इसके बाद पारा साढ़े 11 बजे 38.डिग्री पर पहुंच गया। छह घंटे में पारे में सात डिग्री की बढ़ोतरी हुई है।
भोपाल में नौतपा 5 दिन से जमकर तपा। छठें दिन यानी, गुरुवार को तेवर थोड़े ‘ठंडे’ पड़े। इस दिन टेम्प्रेचर सबसे कम 42.4 डिग्री रहा। मौसम विभाग ने अगले 3 दिन ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान जताया है। इस सीजन नौतपा में पहली बार शुक्रवार को भीषण गर्मी का कोई अलर्ट भी नहीं है।
नौतपा 25 मई से शुरू हुआ था, जो 2 जून तक चलेगा। शुरुआती 5 दिनों तक नौतपा जमकर तपा, लेकिन गुरुवार को नौतपा के तेवर थोड़े कमजोर हो गए। बुधवार को पारा 44.1 डिग्री था, जो गुरुवार को 42.4 डिग्री पर पहुंच गया। यानी, पारे में 1.7 डिग्री की गिरावट हुई। शुक्रवार को भी तापमान के इसी प्रकार रहने का अनुमान है।
छह दिन में टूटे रिकॉर्ड
इस नौतपा में गर्मी के रिकॉर्ड भी टूटे हैं। 26 मई को 40 साल में दूसरी बार भोपाल सबसे हॉट रहा था। इस दिन टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 45.4 डिग्री पहुंच गया था। वहीं, 28 मई को पारा 45.1 डिग्री दर्ज किया गया था। गर्मी का ओवरऑल रिकॉर्ड 21 मई 2016 के नाम है। तब टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 46.7 डिग्री पहुंचा था।
मई में भीषण गर्मी पड़ने का ट्रेंड
मई के महीने में भोपाल में भीषण गर्मी पड़ने का ट्रेंड है। 10 में से 8 साल टेम्प्रेचर 44 डिग्री के पार पहुंच चुका है। साल 2016 में यह रिकॉर्ड 46.7 डिग्री रहा था। इस साल पहले पखवाड़े में गर्मी के तेवर नरम रहे, लेकिन 18 मई से भीषण गर्मी पड़ने लगी। 23 मई को पारा 44.4 डिग्री, 26 मई को 45.4 डिग्री और 27 मई को 44.8 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, 28 मई को यह 45.1 डिग्री और 29 मई को पारा 44.1 डिग्री रहा था। 30 मई को तापमान में गिरावट भी हुई।
भोपाल में सुबह 11.30 बजे टेम्प्रेचर 38 डिग्री
लू और हीट स्ट्रोक में अंतर
भोपाल के मौसम को लेकर यह भी जानें
जिस तरह ठंड दिसंबर-जनवरी और बारिश जुलाई-अगस्त में सबसे ज्यादा होती है, उसी तरह गर्मी के दो प्रमुख महीने अप्रैल और मई है।
अप्रैल में पारा 40 डिग्री के आसपास रहा, लेकिन मई में ज्यादा गर्मी रहने का अनुमान है।
महीने का औसत अधिकतम तापमान 41.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री रहता है।
इस महीने लू भी चलती है। हीट वेव की वजह से परेशानी बढ़ी रहती है।
पिछले 10 साल में पारा 43 डिग्री के पार ही रहा है। एक बार 46 डिग्री के पार भी पहुंच चुका है।
हवा का रुख पश्चिमी से उत्तर-पश्चिमी रहता है। कभी-कभी दोपहर के बाद हवा की रफ्तार तेज हो जाती है।
उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से कभी-कभी बारिश का दौर भी रहता है। आकाशीय बिजली चमकने, गरज-चमक के साथ बारिश भी हो जाती है।
पिछले 10 साल में बारिश भी हुई है।