सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भोपाल में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने संस्कृत सप्ताह महोत्सव आयोजित किया। सप्ताह के अंतर्गत अनेक कार्यक्रम हुए जिनमें संस्कृत भाषण, श्लोक कंठपाठ, धातुरूप कंठपाठ भगवत् गीता कंठपाठ प्रतियोगिताएं हुई जिनमें भोपाल के विद्यालय एवं महाविद्यालय के अनेक छात्रों ने सहभागिता दर्ज की।
इसी क्रम में अखिल भारतीय संस्कृत युव कवि समवाय का आयोजन हुआ जिसमें भारत के युवा संस्कृत कवि शामिल हुए। श्रावणी के दिन परिसर के प्राध्यापकों और छात्रों के द्वारा शीतल दास की बगिया में श्रावणी उपाकर्म किया गया।
यह महोत्सव केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी
जी के संरक्षण में संपन्न हुआ। समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी
पूर्व कुलपति राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली, सारस्वत अतिथि प्रो. वैद्यनाथ
लाभ, कुलपति सांची बौद्ध भारतीय अध्ययन विश्वविद्यालय सांची तथा
विशिष्टातिथिश्री ऋषि कुमार शुक्ल पूर्व निदेशक, सी.बी.आई. भारत सरकार उपस्थित
रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिसर निदेशक प्रो. रमाकांत पांडेय ने की।
मुख्यअतिथि प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृत भाषा
केवल भाषा नही है बल्कि जीवन का दर्पण है। भारत की संस्कृति को संस्कृत भाषा से
ही संरक्षित किया जा सकता है।
सारस्वत अतिथि प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय में भी
संस्कृत के आयामों पर शोध कराया जाता है और आप सभी इस विषम परिस्थिति मैं
भी संस्कृत की ध्वजा को आगे बढ़ा रहे है हमारी संस्कृति और संस्कृत का स्थान कभी
कमजोर नहीं होगा। हमारी संस्कृति सशक्त है।
विशिष्टातिथि ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा कि विश्व में संस्कृत की एक
पहचान है। मेरा यह मानना है कि परिसर ने पूरे सप्ताह भर कार्यक्रमों से जन सामान्य
को जोड़ने का काम किया है आप सभी को संस्कृत भाषा के प्रचार को आगे बढ़ाना
चाहिए। समापन सत्र की अध्यक्षता कर रहे परिसर निदेशक प्रो. रमाकांत पांडेय ने
कहा कि संस्कृत के प्रसार के लिए हम सभी छात्रों को आगे आना चाहिए। हमारा एक
उद्देश्य यह भी होना चाहिए कि हम संस्कृत भाषा को जन सामान्य तक पहुंचाएं।
इस अवसर पर संस्कृत क्षेत्र के उत्थान के लिए किए गए कार्यों हेतु प्रतिष्ठित
शिक्षाविदों को विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया। जिनमें प्रो. राधावल्लभ
त्रिपाठी, प्रो. वैद्यनाथ लाभ, ऋषि कुमार शुक्ला, प्रो. उर्मिला शुक्ला, डॉ. हेमचंद
पांडे, डॉ. अक्षयलाल, उमाशंकर नगाइच आदि।
इस अवसर पर परिसर द्वारा डॉ. उपेंद्र भार्गव, डॉ. पंकज कुमार जैन, डॉ. राहुल
शर्मा, डॉ. रजनी वी. जी., प्रताप आदि विद्वानों को संस्कृतभूषण सम्मान से
अलंकृत किया गया। प्रतियोगिताओं के विजयी छात्रों को पुरस्कृत किया गया।
संस्कृत सप्ताह महोत्सव के कार्यक्रमों का प्रतिवेदन डॉ. दाताराम पाठक द्वारा
प्रस्तुत किया गया। अतिथियों का वाचिक स्वागत प्रो. सोमनाथ साहू एवं धन्यवाद
ज्ञापन प्रो. सनंदन कुमार त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रागिनी शर्मा ने
किया।