सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /  आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय, भोपाल (राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय, नई दिल्ली का एक क्षेत्रीय केंद्र); ने ग्रीष्मकालीन प्रकृति अध्ययन कार्यक्रम– हरित शावक के प्रतिभागियों के लिए  पर्यावरणीय खेल एवं ग्रीष्मकालीन प्रकृति अध्ययन कार्यक्रम – हरित किशोर के प्रतिभागियों के लिए पेड़ों को पहचाने कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

पर्यावरणीय खेल कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन के पर्यावरण शिक्षाअधिकारी दिलीप कुमार चक्रवर्ती ने प्रतिभागियों के लिए कचरे का पृथक्करण, जल संरक्षण, आहार जाल, मिशन लाइफ, मैं कौन हूँ आदि रोचक खेलों के माध्यम से पर्यावरण एवं प्रकृति के महत्व तथा उसके संरक्षण के बारे में जानकारी प्रदान किया । इस कार्यक्रम में 19 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

ग्रीष्मकालीन प्रकृति अध्ययन कार्यक्रम– हरित किशोर के प्रतिभागियों के लिए पेड़ों को पहचाने कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसके अंतर्गत मध्य प्रदेश शासन के पूर्व उप वन संरक्षक सुदेश बाघमारे ने प्रतिभागियों को पेड़ों को पहचानने के विभिन्न तरीकों जैसे पेड़ का आकार- प्रकार, उनकी पत्तियों के आकार- प्रकार, छाल, फूल की संरचना, फल आदि के साथ साथ पेड़ों का मानव, कीट पतंगों, पक्षियों एवं जानवरों के लिए महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान किया।

इस दौरान संग्रहालय परिसर में पाये जाने वाले पेड़ों जैसे- चम्पा, चिलबिल, काला सिरस, ताम्रफली, शीशम, कसोंदरी, जामुन, रतनजोत, करंज, पीपल, नीम, बरगद, कुल्लू, कदंब, फाइकस बेंजामिना, मुनगा, शहतूत, कठगगूलर, सेमल, कसई, हरड़, बहेड़ा, आँवला, सफ़ेद सिरस, कचनार, बबूल, बकाइन, गूलर, अर्जुन और जंगल जलेबी आदि पेड़ों के पास जाकर उनको पहचानने तथा याद रखने की विधियों के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में संग्रहालय के वैज्ञानिक- सी एवं कार्यक्रम समन्वयक ने बेहतर भविष्य के लिए प्रतिभागियों से पेड़- पौधे लगाने एवं उनके संरक्षण की अपील किया ।

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