सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भोपाल में BNSS (भारत नागरिक सुरक्षा संहिता-23) और BNS (भारतीय न्याय संहिता) कानून को लेकर कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा ने संभाग के सभी कलेक्टर्स को ट्रेनिंग दी। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर जिलों में अफसरों को ट्रेनिंग दें। उन्हें कानून के बारे में बताए। एक अन्य बैठक में कमिश्नर ने राजस्व महाअभियान 2.0 की भी समीक्षा की।

बता दें कि प्रदेश में 1 जुलाई 2024 से नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, दंड संहिता प्रक्रिया के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट के स्थान पर अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम प्रभाव में आ गए हैं। कमिश्नर डॉ. शर्मा ने कहा कि पुलिस एवं प्रशासन के समस्त अधिकारी इनका अच्छी तरह अध्ययन कर लें। जिससे इनका जनहित में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। सभी कलेक्टर अपने-अपने जिलों में इस संबंध में प्रशिक्षण आयोजित करें।

 Bhopal: Training on BNSS-BNS law, Commissioner said – give training to all collector officers in the districts; Gave information related to FIR

ट्रेनिंग में यह बताया

  • ट्रेनिंग के दौरान बताया कि नए कानून नागरिक केंद्रित कानून है। इसमें मौखिक अथवा इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। जीरो एफआईआर का भी प्रावधान है। यानी, किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। वहां से उसे संबंधित थाने को भेज दिया जाएगा। महिला पुलिस ही महिला पीड़िता की रिपोर्ट लिखेगी। पीड़ित और खबर देने वाले को एफआईआर की फ्री कॉपी दी जाएगी।
  • नए कानून में प्रौद्योगिकी का पूरा समावेश किया गया है। ई-बयान, ई-अटेंडेंस, ई-रिकॉर्ड और ई-एफआईआर का प्रावधान है। नए कानून पीड़ित केंद्रित दृष्टिकोण से बनाए गए हैं। अब छीना झपटी के मामलों को भी संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना गया है। राजद्रोह को देशद्रोह में परिवर्तित किया गया है। मॉब लिंचिंग में अधिकतम सजा मृत्यु दंड रखी गई है।
  • नए कानून में सत्य और शीघ्र न्याय को विशेष महत्व दिया गया है। अब सुनवाई शुरू होने के बाद 60 दिन में आरोप तय किए जाएंगे और उसके 90 दिन बाद अभियोजन की कार्रवाई शुरू करनी होगी। पुलिस की कार्रवाई में जवाबदेगी और पारदर्शिता को महत्व दिया गया है। तलाशी और जब्ती के दौरान वीडियोग्राफी को अनिवार्य कर दिया गया है।

 

इन्होंने दी ट्रेनिंग
कमिश्नर ऑफिस में हुए एक दिवसीय प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर विधि अधिकारी पुलिस मुख्यालय विजय बंसल, एडीपीओ पुलिस अकादमी सुचित्रा वर्मा और विधि अधिकारी पुलिस आयुक्त कार्यालय डॉ. मनीषा पटेल ने ट्रेनिंग दी। एसीपी अवधेश गोस्वामी, आईजी अभय सिंह, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, एडीएम, एसडीएम समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।