सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में “विश्व युवा कौशल दिवस” के अवसर पर भोज विश्वविद्यालय में इनक्यूबेशन सेंटर द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. राजेश खंबायत, प्रोफेसर, एन.आई.टी.टी.टी.आर, भोपाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में श्रेयस पांडे, संस्थापक, रिचेस लाइफ स्टाइल, भोपाल ने शिरकत की। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. संजय तिवारी, कुलपति, मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय ने की। साथ ही संयोजक के रूप में डॉ सुशील मंडेरिया, कुलसचिव, मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय उपस्थित रहे। कार्यक्रम की रूपरेखा सह संयोजक मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के निदेशक एवं इनक्यूबेशन सेंटर के इंचार्ज डॉ. किशोर जॉन ने विशेष रूप से “विश्व युवा कौशल दिवस” को ध्यान में रखते हुए तैयार की। जिससे भोज विश्वविद्यालय में कौशल विकास की शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों को व्यापार के नए आयामों से अवगत कराया जा सके। कार्यक्रम का आयोजन भोज विश्वविद्यालय के सभागार कक्ष में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता,श्रेयस पांडे ने अपनी कंपनी एवं उसके विकास के संबंध में बताते हुए कहा कि, कि बांस के बने हुए टॉवल, कॉटन के स्थान पर कहीं अधिक उपयोगी है। क्योंकि इसमें बैक्टीरिया रोधी तथा फफूंद विरोधी गुण पाए जाते हैं। आजकल लोगों का ध्यान बांस के कपड़े की तरफ अधिक जा रहा है, क्योंकि विभिन्न प्रकार की अनुसंधान में यह पाया गया है कि, कॉटन के स्थान पर बांस का कपड़ा ज्यादा अच्छा है। श्री पांडे ने अपने विभिन्न उत्पादों के संबंध में अवगत कराया और कहा कि, हम अपने उत्पादों के साथ में सीड पेपर मुफ्त में देते हैं। जिसको हमारे ग्राहक अपने स्थान पर जाकर उगा सकते हैं। हमारी पैकेजिंग पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त होती है। इस अवसर पर श्रेयस पांडे ने सभागार में उपस्थित लोगों के प्रश्नों के संतुष्ट उत्तर भी दिए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, डॉ. राजेश खंबायत ने कहा कि, आज हम विश्व युवा कौशल दिवस मना रहे हैं। जिसका थीम है “शांति और विकास” । इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है, हमारे युवाओं को कौशल युक्त करना। आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या है आर्थिकअसमानता। भारत में लगभग 10% लोगों के पास में 58% संसाधन है। जबकि 50% लोगों के पास केवल 15% के संसाधन ही हैं। पर्यावरण की समस्या भी एक सबसे बड़ी समस्या है। 2024 का वर्ष सबसे गर्म वर्ष रहा है। विश्व में कई प्रकार के युद्ध चल रहे हैं।कई देशों के बीच छग्म युद्ध भी लगातार जारी है। हमारे सामने युवाओं के भविष्य की सबसे बड़ी चिंता है। विश्व में युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है जो कि, आज लगभग विश्व की जनसंख्या का 42% युवा है और 2030 तक विश्व में यह संख्या 50% तक हो जाएगी। इनमें से बहुत सारे युवा युद्धग्रस्त क्षेत्र में प्रभावित हो रहे हैं। युवाओं को कैसे रोजगार के लिए तैयार किया जाए ? कैसे उनमें कौशल विकास किया जाए ? यह आज की सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि, प्रौढ़ लोगों की अपेक्षा युवाओं की बेरोजगारी तीन गुना ज्यादा है। युवाओं को जो रोजगार मिल भी रहे हैं, वह बहुत ही कम पैसे वाले हैं। डॉ. खंबायत ने कहा कि, भारत सरकार के सामने युवा और कौशल विकास एक महत्वपूर्ण एजेंडा है। पारंपरिक शिक्षा कार्यक्रम के अलावा हमें रोजगार लायक कौशल प्रदान करने वाले नए कार्यक्रम बनाने होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 में कौशल विकास पर अधिक जोर दिया गया है। हमें समग्र और बहु विषयक शिक्षा की आवश्यकता है। जो अपने देश और समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने नागरिकों को तैयार कर सके। उद्योगों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हाइपर ऑटोमेशन तेजी से बढ़ रहा है। हमें अपने युवाओं को इन कौशलों से युक्त करना होगा। युवाओं में कौशल विकास करने के लिए शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। हमें नए जमाने के युवाओं के अनुसार अपने आप को तैयार करना होगा तथा खुद को नए कौशल से युक्त करना होगा उन्होंने कहा कि, युवाओं के लिए योजना बनाते समय हमें युवाओं की भागीदारी और उनका पक्ष को भी सुनकर महत्व देना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय तिवारी ने कहा कि, अगर हमें भारत की युवा जनसंख्या का उपयोग करना है तो, उनको हमें कुशल बनाना होगा। भारत में लगभग 83% युवा बेरोजगार हैं और इनमें से 50% युवा तो रोजगार के लायक कौशल भी नहीं रखते हैं। उन्होंने इस अवसर पर सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल- 2030 की भी चर्चा की। डॉ. तिवारी ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि, हमारी शिक्षा से निकले हुए साक्षर व्यक्तियों में शिक्षा के संस्कार की कमी है। उन्होंने कहा कि, हमें एक बार कौशल प्राप्त करके ही नहीं रुकना है, बल्कि हमें अपने आप को उच्च कुशल तथा पुनः कौशल से युक्त भी होना होगा। जिससे हम समय के अनुसार बदलते परिवेश में अपने आप को आगे रख सकें। भविष्य में अपेक्षाकृत कम कौशल वाली नौकरियां तकनीक के माध्यम से बदल जाएगी और इससे बहुत सारी नौकरियां खत्म होगी। उन्होंने कहा कि, हमें अपने कार्य को उत्साह से करना चाहिए और उसको आनंदपूर्वक करना चाहिए। आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में विकास का है। उन्होंने युवाओं को विशेष रूप से अपना समय प्रबंधन करने का आवाहन किया। डॉ. तिवारी ने कहा काबिल बनो तो कामयाबी अपने आप आपके पीछे आएगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि, हमारी युवा पीढ़ी विकसित भारत के सपने को पूरा करेगी।
अंत में धन्यवाद व्यक्त करने से पूर्व विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सुशील मंडेरिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, विश्वविद्यालय रिचेस्ट लाइफ स्टाइल के साथ मिलकर कौशल विकास के कार्यक्रम चलाएगी। जिससे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का भला होगा। उन्होंने कहा कि, हमें वैश्विक ब्रांड इस्तेमाल करने की बजाय, भारतीय उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए और हमें स्वदेशी पर सबसे अधिक जोर देना होगा।
कार्यक्रम में मंच संचालन मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय की सलाहकार डॉ. निधि रावल गौतम द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद व्यक्त मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं कार्यक्रम के संयोजक डॉ सुशील मंडेरिया द्वारा किया गया। इस अवसर पर भोज मुक्त विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक,अधिकारी, कर्मचारीगण एवं विश्वविद्यालय में कौशल विकास की शिक्षा ले रहे समस्त विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।