सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समस्त भोज परिवार के अधिकारियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। स्वास्थ्य शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. ए.के. चौधरी, हेल्थ स्पेशलिस्ट, एल. एन. मेडिकल कॉलेज और जे.के. हॉस्पिटल, भोपाल उपस्थित थे। इस मौके पर डॉ. ए.के. चौधरी अपनी पूरी टीम के साथ भोज विश्वविद्यालय में उपस्थित थे। 6 डॉक्टर और दो टेक्नीशियन की टीम में डॉ. कृति शर्मा मेडिसिन, डॉ. सलमान उल्लाह खान, कार्डियक, डॉ संगीता सीनियर, डाइटिशियन, डॉ. साक्षी तिवारी, जूनियर डाइटिशियन, डॉ. पूर्वा गुप्ता, मेडिसिन साथ ही टेक्नीशियन टीम में डॉ. पूजा अंभोरे, लैब टेक्नीशन, और श्री अजय मौरे शामिल थे। स्वास्थ्य शिविर के खास अवसर पर एल एन मेडिकल कॉलेज के जनरल मैनेजर डॉ श्याम देव यादव भी उपस्थित थे। स्वास्थ्य शिविर कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. संजय तिवारी द्वारा की गई। कार्यक्रम के आयोजन एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुशील मंडेरिया भी मौके पर मौजूद रहे। स्वास्थ्य शिविर का आयोजन विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन केंद्र की उप निदेशक एवं स्वास्थ्य शिविर की नोडल ऑफिसर डॉ. अनीता कौशल द्वारा कराया गया। इस स्वास्थ्य शिविर में विश्वविद्यालय परिवार के लगभग 150 से अधिक लोगों ने अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराया। जिसमें सबसे अधिक ब्लड प्रेशर, शुगर एवं अन्य जरूरी ब्लड टेस्ट करवाए गए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं भोज विश्वविद्यालय में मेडिकल कंसलटेंट डॉ.चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि, वर्तमान में वर्षा ऋतु का मौसम है ऐसे में हमारे आसपास छोटे बड़े विभिन्न जगह पर पानी भरा रह जाने के कारण उसमें कई प्रकार के मच्छर और कीड़े उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में हमें अपने आसपास खास कर वर्षा ऋतु में साफ सफाई का अत्यंत ध्यान रखना चाहिए। अगर हमारे आसपास कहीं भी सकोरे, टंकी, बाल्टी, छोटे डब्बे, ढक्कन आदि में कई दिनों से लगातार दूषित पानी जमा हुआ है तो उसे फेंककर साफ एवम स्वच्छ वातावरण बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि, केवल डॉक्टर को ही नहीं वरन् आम नागरिकों को भी प्राथमिक उपचार में आना जरूरी है। डॉ. चौधरी ने अनट्रीटेड और ट्रीटेड दोनों ही प्रकार के बुखार के संबंध में बताया कि, अगर हमारा बुखार 7 दिन में ठीक नहीं होता है तो, हमें विशेष उपचार की आवश्यकता होती है। उसमें ढील डालना सही नहीं होता क्योंकि, अगर हम 7 दिन से अधिक बुखार में हो तो वह निमोनिया या अन्य बड़ी समस्या भी हो सकती है। वर्तमान समय में अनिद्रा व्यक्ति के जीवन में बड़ी समस्या है। निद्रा पूर्ण न होने से सबसे अधिक ब्लड प्रेशर, शुगर एवं विशेष रूप से मेंटल स्ट्रेस का लेवल बढ़ता है और इससे हमारा स्वास्थ्य सुधरने की बजाए और बिगड़ता चला जाता है। समय पर खाना, समय पर उठाना, समय से स्वास्थ्य का ध्यान रखना ही स्वच्छ और स्वस्थ जीवन का गुण है।
विश्वविद्यालय में उपस्थित डॉक्टर की टीम में से मेडिकल में स्पेशलाइजेशन कर रही डॉ कृति शर्मा शरीर को स्वस्थ रखने एवं दिनचर्या में बदलाव लाने के कुछ सुझाव देते हुए कहा कि, हम स्वयं ही अपने अंदर पनप रही बीमारियों के जानकार बन सकते हैं जैसे बार-बार बाथरूम जाना सोते समय बीच में कई बार नींद में उठकर बाथरूम जाना जैसी समस्याएं हमें इशारा देती है कि यह शुगर के लक्षण हो सकते हैं। ठीक ऐसे ही सीने में दर्द, उल्टे हाथ के कंधे में दर्द, पीठ में दर्द जैसे लक्षण हमें इतला करते हैं कि यह हार्ट अटैक से संबंधित हो सकता है। उन्होंने कहा कि, हमें अपने खान पान में भी बदलाव लाना जरूरी है। लिपिड प्रोफाइल का टेस्ट समय-समय पर करते रहना आज के समय में अपने स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा निर्णय है।
जेके हॉस्पिटल की डाइटिशियन डॉ. संगीता एवं डॉ. पूर्वा ने सभागार में उपस्थित सभी को स्वस्थ स्वास्थ्य के लिए खान-पान में रख रखाव एवं बदलाव करने की सुझाव दिए। डॉ. संगीता ने इस बात पर जोर दिया कि हमें एक महीने में प्रति व्यक्ति 750 ml तेल खर्च करना चाहिए। डॉ संगीता ने कहा कि, हमारी बॉडी में फाइबर की कमी होने से कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं उनसे बचने का सही उपाय है कि, हम अपनी दिनचर्या में फाइबर की मात्रा को अधिक जोड़े और उसका सेवन करें। रात को सोने से लेकर सुबह उठने के बीच में एक लंबा अंतराल होता है इस हिसाब से सुबह का नाश्ता लेना स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक है। सुबह का टहलने और हेल्दी फूड लेने से हमारा स्वास्थ्य सही रहता है रक्त संचार भी अच्छा रहता है। डॉ. संगीता ने बताया कि, हमें अपनी डाइट में लगातार रोटी का सेवन करने की बजाय, उसे मिलेट से रिप्लेस करना चाहिए क्योंकि रोटी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है और ज्यादा कार्बोहाइड्रेट लेने से बॉडी में फैट भी बढ़ता है।
डॉ. सलमान खान ने आम व्यक्तियों में, कम उम्र में अचानक आ रहे हार्ट स्ट्रोक एवं हार्ट अटैक के लक्षणों से अवगत कराते हुए विभिन्न लाभकारी उपाय समझाते हुए इससे बचाव के विभिन्न तरीके समझाए।
कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.संजय तिवारी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, डॉक्टरों की सलाह जीवन में हमें स्वस्थ रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने उपस्थित समस्त डॉक्टरों की टीम को विश्वविद्यालय की ओर से धन्यवाद किया। डॉ. तिवारी ने मुख्य अतिथि डॉ.ए.के.चौधरी के लिए कहा कि, डॉ.चौधरी हमारे भोज परिवार के बहुत ही अहम सदस्य हैं। इन्होंने नेक दौर के दौरान बहुत ही सरल और सहजता के साथ हमारा साथ दिया। साथ ही नेक दौरे पर आए सभी अतिथियों का विशेष स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें समय पर जांच रिपोर्ट भी उपलब्ध करवाई। डॉ.तिवारी ने कहा कि, वर्तमान समय में हमारी दिनचर्या से हम आए दिन नई समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। इससे बचने के लिए हमें समय-समय पर अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहना आवश्यक है। हम स्वस्थ होंगे तभी देश स्वस्थ होगा।
विश्वविद्यालय के डॉ. सुशील मंडेरिया ने कहा कि, कोविड के दौरान भारत के डॉक्टर ने अपना लोहा विश्व भर में मनवाया है। विश्व के अनेक देशों में कोविड के दौरान पर्याप्त और सही उपचार न मिलने के चलते अनगिनत संख्या में लोगों की मृत्यु हुई हैं। परंतु अन्य देशों के तुलना में भारत में मृत्यु दर बहुत कम थी। यह इसलिए था क्योंकि भारत के अनुभवी डॉक्टरों ने अपने अनुभव और जज्बे से कोरोना से मृत्यु दर को बढ़ने नहीं दिया।
स्वास्थ्य शिविर कार्यक्रम में मंच संचालन विश्वविद्यालय की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. साधना सिंह बिसेन द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के डॉ. सुशील ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर भोज विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी, शिक्षक एवं कर्मचारी गण उपस्थित थे।