सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: अमेरिका के ओक्लाहोमा में एक भारतीय युवक की हत्या करने वाले दोषी को सजा-ए-मौत दी गई। उसे जहरीला इंजेक्शन लगाया गया।

अमेरिकी मीडिया ABC न्यूज के मुताबिक, 41 साल के दोषी माइकल ड्वेन स्मिथ ने 2002 में 24 साल के शरथ पुल्लुरु की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 22 साल बाद 4 अप्रैल 2024 को उसे सजा दी गई।

माइकल ने फरवरी 2002 में एक अन्य अमेरिकी महिला जेनेट मूर की भी हत्या की थी। उस वक्त माइकल की उम्र 19 साल थी।

तस्वीर शरथ पुल्लुरु (बाएं) और जेनेट मूर (दाएं) की है।

गलती से भारतीय को मार दिया था

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, माइकल ड्रग गैंग चलाता था। उसने गलती से भारतीय युवक शरथ पुल्लुरु को मार दिया था। शरथ एक दुकान में क्लर्क था। इसी दुकान के अन्य क्लर्क ने माइकल के क्रिमिनल गैंग के खिलाफ लोकल मीडिया को खबर दी थी। माइकल इसी क्लर्क के मारने दुकान में घुसा था, लेकिन वो क्लर्क को पहचान नहीं पाया और उसने शरथ को गोली मार दी थी।

जेनेट के बेटे को मारना चाहता था माइकल

फरवरी 2002 में माइकल ने जेनेट नाम की अमेरिकी महिला की हत्या की थी। वो उसके बेटे को मारने आया था। माइकल को शक था कि जेनेट का बेटा पुलिस का खबरी था और उसके गैंग के बारे में पुलिस को जानकारी देता था। जब बेटा घर पर नहीं मिला तो माइकल ने जेनेट को मार दिया।

तस्वीर लीथल डेथ इंजेक्शन टेबल की है। इस पर दोषी को लिटाकर उसके हाथ-पैर और शरीर को बांधा जाता है फिर इंजेक्शन लगाया जाता है।

हत्या करते समय नशे में था दोषी

अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, एक सुनवाई के दौरान माइकल के वकील ने कहा था कि हत्या करते समय वो नशे में था। उसे याद भी नहीं था कि उसने किसी को गोली मारी है। अपनी सफाई में माइकल ने कहा था- मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मैंने किसी की हत्या नहीं की है। इसके बाद उसके वकील ने कोर्ट से माइकल को उम्रकैद की सजा देने की मांग की थी। इस मांग को खारिज कर दिया गया था।