भारत ने एशिया पावर इंडेक्स 2024 में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए जापान को पछाड़कर तीसरा स्थान प्राप्त कर लिया है। इस उपलब्धि का श्रेय भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, युवा जनसंख्या, और बढ़ते भू-राजनीतिक प्रभाव को जाता है। लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित यह इंडेक्स देशों की शक्ति का आकलन विभिन्न मापदंडों जैसे कि आर्थिक शक्ति, सैन्य क्षमता और कूटनीतिक प्रभाव के आधार पर करता है।
इस छलांग का मुख्य कारण भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उसकी सक्रिय भागीदारी है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने जी20, ब्रिक्स और अन्य प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में अपनी भूमिका को मजबूत किया है। इसके साथ ही, देश की युवा आबादी और तकनीकी विकास ने इसे वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक बाजार बनाया है। दूसरी ओर, जापान की वृद्ध होती आबादी और धीमी आर्थिक वृद्धि ने इसे चौथे स्थान पर धकेल दिया है।
भारत की इस प्रगति ने न केवल एशिया में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उसकी स्थिति को मजबूत किया है। यह उपलब्धि उन नीतियों का परिणाम है जो भारत ने अपनी आर्थिक और कूटनीतिक शक्ति को बढ़ाने के लिए अपनाई हैं।
संपादकीय विचार:
भारत का एशिया पावर इंडेक्स में तीसरे स्थान पर आना देश के उभरते हुए वैश्विक नेतृत्व का प्रतीक है। यह न केवल आर्थिक मोर्चे पर उसकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि भू-राजनीतिक स्थिति में भी उसकी मजबूती को इंगित करता है। आने वाले वर्षों में भारत की यह बढ़त एशिया और दुनिया में शक्ति संतुलन पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।