सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : मेपकास्ट परिसर में दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय राष्ट्रीय शोधार्थी समागम-2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सिद्धपीठ श्रीहनुमन्निवास, अयोध्या के पीठाधीश्वर आचार्य मिथिलेश नंदिनीशरण महाराज ने कहा कि महाकुंभ भारतीय एकात्मता का वैश्विक अनुष्ठान है, जहां विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों और परंपराओं के लोग एक साथ डुबकी लगाते हैं। भारत विचारों में विभक्त हो सकता है, लेकिन विश्वास परंपरा में एक है।
महाराज ने भारतीय ज्ञान परंपरा को गुरुकुल पद्धति से जोड़ते हुए कहा कि आज 50% बच्चों के नाम गूगल से रखे जा रहे हैं, जिससे हम अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेवा की विद्या पद्धति ही सेवा पारायण लोगों का निर्माण करती है। शोध को शिक्षण परिसर से बाहर लाने की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि जो केवल देयकों (संग्रहण) के लिए लिख रहे हैं, उनसे समाज को कोई आशा नहीं।
राष्ट्र निर्माण के लिए स्वयं निर्माण आवश्यक: मुकुल कानिटकर
भारत के प्रसिद्ध विचारक मुकुल कानिटकर ने ‘भारत के पुनरुत्थान के लिए अनुसंधान’ विषय पर बीज वक्तव्य देते हुए कहा कि ज्ञान और आनंद परस्पर जुड़े हुए हैं। शोध का अर्थ केवल जानकारी खोजना नहीं, बल्कि शुद्ध करना और आत्मविकास की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि स्वयं का निर्माण करने वाले ही राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं।
उन्होंने आधुनिक शिक्षा प्रणाली पर चर्चा करते हुए कहा कि आज विश्लेषण तो सिखाया जाता है, लेकिन संश्लेषण और संस्कार की शिक्षा नहीं दी जाती। इसी कारण समाज में भेदभाव और विभाजन की मानसिकता विकसित होती है। मौलिकता के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि नकल करना स्वयं का अपमान करना है।
भारतीय परंपरा में वैज्ञानिकता निहित: इंदर सिंह परमार
मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि भारतीय धर्म, अध्यात्म और परंपरा में गहरी वैज्ञानिकता निहित है। उन्होंने कहा कि हमारा विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवन में व्याप्त है।
शोध का लक्ष्य आत्मशुद्धि
समापन सत्र में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि शोध केवल सूचनाओं का संकलन नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और समाजहित के लिए होना चाहिए। शोधार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा के मूल तत्वों को आत्मसात करने की प्रेरणा दी गई।
इस अवसर पर विधायक पुष्पराजगढ़ फुंदेलाल सिंह मार्को, अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार कुडरिया, अमरकंटक विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष अंबिका प्रसाद तिवारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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