भारत और कनाडा के बीच हाल के महीनों में कूटनीतिक तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध कमजोर हो गए हैं। इस तनाव का कारण कनाडा की ओर से लगाए गए आरोप हैं, जिनमें भारत पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में कथित रूप से शामिल होने का संदेह व्यक्त किया गया है। यह मुद्दा खालिस्तानी अलगाववाद से जुड़ा है, जो कनाडा में सिख समुदाय के कुछ वर्गों द्वारा समर्थन प्राप्त है। भारत, जो इसे एक राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती मानता है, ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे “बिना आधार” के कहा है। भारत सरकार ने कनाडा पर आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वाले समूहों पर कड़ी कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। इसके परिणामस्वरूप भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीज़ा सेवा रोक दी है और दोनों देशों ने एक-दूसरे के कूटनीतिक अभियानों पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। इस विवाद का समाधान केवल दोनों पक्षों के बीच खुले संवाद से ही संभव है। दोनों देशों को एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है ताकि द्विपक्षीय संबंध सुधर सकें और वैश्विक मंच पर सकारात्मक संदेश जा सके।

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