सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बहुकला केंद्र भारत भवन के प्रथम न्यासी, रंग मंडल के संस्थापक निदेशक और मूर्धन्य रंगकर्मी ब.व.कारंत की स्मृति में 1 सितंबर से आदरांजलि समारोह का आयोजन किया जा रहा है। चार दिवसीय इस समारोह में ब.व. कारंत के रंग व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित प्रस्तुतियां होगी।
भारत भवन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी प्रेम शंकर शुक्ला ने बताया कि समारोह में प्रतिदिन रंग प्रदर्शनी, वक्तव्य, रंग संगीत और नाट्य प्रस्तुतियों पर आधारित कार्यक्रम होंगे। समारोह का मुख्य आकर्षण केंद्र रंग मंडल की रंग यात्रा पर आधारित रंग आयाम प्रदर्शनी होगी। समारोह का संयोजन रंग मंडल प्रभाग की ओर से किया जा रहा है।
समारोह में कब क्या होगा
1 सितंबर : शाम 6.30 बजे अनूप जोशी द्वारा संयोजित रंग आयाम प्रदर्शनी का शुभारंभ होगा। शाम 7 बजे नाटक ब.व.कारंत की प्रस्तुति होगी। ब.व. कारंत के व्यक्तित्व पर केंद्रित इस नाट्य प्रस्तुति का निर्देशन टीएस नागभरणा ने किया। नाटक की प्रस्तुति बेनका नाट्य मंडली बेंगलुरु के कलाकार देंगे।
2 सितंबर : शाम 5 बजे सिनेमा और ब.व.कारंत विषय पर अजीत राय का वक्तव्य होगा। इस सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ रंगकर्मी राजीव वर्मा करेंगे। शाम 7 बजे – नाटक ब.व. कारन्थ की प्रस्तुति होगी। ब.व.कारंत के व्यक्तित्व पर केंद्रित इस नाट्य प्रस्तुति का निर्देशन टीएस नागभरणा ने किया। नाटक की प्रस्तुति बेनका नाट्य मंडली बेंगलुरु के कलाकार देंगे।
3 सितंबर : शाम 5 बजे रंगमंच और ब.व.कारंत विषय पर परिचर्चा होगी। इसमें बी.वी राजाराम ब.व.कारंत के रंगमंचीय व्यक्तित्व पर विचार रखेंगे। इस सत्र की अध्यक्षता वामन केन्द्रे करेंगे। शाम 7 बजे – संजय उपाध्याय द्वारा रंग संगीत-सह-व्याख्यान का आयोजन होगा।
4 सितंबर : शाम 7 बजे महान कवि-नाटककार भारतेंदु के जीवन पर आधारित नाटक सीमा पार का मंचन होगा। लेखक प्रसन्ना की इस कहानी का अनुवाद सिद्धलिंग पट्टणशेट्टी ने किया। नाटक का निर्देशन प्रीति झा तिवारी ने किया जिसकी प्रस्तुति द राइजिंग सोसायटी ऑफ आर्ट एंड कल्चर भोपाल के कलाकार प्रस्तुति देंगे।
ब.व. कारंत के बारे में
ब.व. कारंत भारत के सुप्रसिद्ध रंगकर्मी, निर्देशक, अभिनेता, लेखक, फिल्म निर्देशक और संगीतकार थे। कारंत आधुनिक भारतीय रंगमंच और कन्नड़ की नई लहर सिनेमा के अग्रदूतों में से थे। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में अध्ययन और बाद मे उसके निदेशक बने। बहुत सारे नाटकों और कन्नड़ फिल्मों का निर्देशन किया। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। कारंत ने गिरीश कर्नाड द्वारा रचित तुगलक का हिन्दी अनुवाद भी किया।
ब.व. कारंत को मिले हैं यह सम्मान
पद्मश्री,1981
कालिदास सम्मान (मध्य प्रदेश)
संगीत नाटक अकादमी सम्मान, 1976
गुब्बी वीरण्णा सम्मान (कर्नाटक)
राष्ट्रीय फिल्म सम्मान – सर्वश्रेष्ठ फिल्म, 1976
राष्ट्रीय फिल्म सम्मान – सर्वश्रेष्ठ फिल्म संगीत, 1978