सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारतीय वन प्रबंध संस्थान, भोपाल द्वारा “मिशन लाइफ़” पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यशाला में संस्थान के निदेशक डॉ. के. रविचंद्रन ने मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हितग्राहक एजेंसियों के सदस्यों, परियोजना प्रबंधकों, सामाजिक विशेषज्ञों, पर्यावरणविदों, तकनीकी अधिकारियों और स्थिरता परियोजना प्रमुखों सहित विविध पृष्ठभूमि के व्यक्तियों ने भाग लिया।

 "Indian Institute of Forest Management, Bhopal, Mission Life, three-day, training, program, organized"

कार्यक्रम निदेशक डॉ. योगेश दुबे के मार्गदर्शन में, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपने क्षेत्र के विद्वानों द्वारा विशेष व्याख्यान दिए गए, जिसमे विशेष रूप से, मिशन लाइफ विषयगत क्षेत्र एवं एसडीजी के साथ इसका अंतर-संबंध, मिशन लाइफ- प्रो-प्लैनेट लोगों के लिए व्यवहार-आधारित समाधान, बेहतर जीवन के लिए शहरी हरे और नीले स्थानों का प्रबंधन, टिकाऊ खाद्य प्रणालियों को अपनाना और टिकाऊ जैविक खेती का अनुभव करना, जल संकट: चुनौतियां और समाधान, भविष्य के लिए पानी की बचत, परिपत्र अर्थव्यवस्था: स्थिरता चुनौतियों का सामना करने में आगे का रास्ता, टिकाऊ खाद्य प्रणालियों को अपनाना और टिकाऊ जैविक खेती का अनुभव करना, अपने आवास को व्यवस्थित करना – बेहतर जीवन के लिए शहरी हरित एवं जल स्थानों का प्रबंधन करना, स्वच्छ पर्यावरण के लिए कचरे को काम करना- हमारे दैनिक जीवन से नगरपालिका तक, प्लास्टिक और अन्य कचरे से कैसे निपटें, एक टिकाऊ और स्वस्थ जीवन शैली अपनाना और ऊर्जा-कुशल जीवन शैली कैसे जीएं – विकल्प और अवसर – ऊर्जा की बचत, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण और मानव कल्याण पर इसके प्रभाव और ऊर्जा-कुशल जीवन शैली कैसे जीएं – विकल्प और अवसर – ऊर्जा की बचत शामिल रहे।

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इस कार्यक्रम के प्रतिभागियों को आदिवासी संस्कृति और जीवनशैली पर अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय का दौरा करवाया गया साथ ही व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान करने एवं अपशिष्ट प्रबंधन चुनौतियों की बेहतर समझ प्रदान करने के लिए नगरपालिका ठोस अपशिष्ट डंपिंग साइट का दौरा भी करवाया गया। इस बहुआयामी प्रशिक्षण का उद्देश्य देश भर में विभिन्न हितधारकों के बीच पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने और ग्रह समर्थक व्यवहार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की ओर केंद्रित रहा।