सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारत और कनाडा के बीच चल रहे तनाव के बीच अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “भारत पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं। हम चाहते हैं कि भारत सरकार कनाडा के साथ जांच में मदद करे, लेकिन भारत ने अब तक ऐसा नहीं किया।”

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पहले आरोप लगाया था कि भारतीय सरकार के अधिकारी निज्जर की हत्या में शामिल थे। इस मुद्दे पर अमेरिका की चिंता नई नहीं है; इससे पहले भी पिछले साल अमेरिका ने भारत से जांच में सहयोग करने की अपील की थी।

हालिया घटनाक्रम

13 अक्टूबर: कनाडा ने भारत को एक चिट्ठी भेजी, जिसमें भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य डिप्लोमैट्स को संदिग्ध बताया गया।
14 अक्टूबर: भारत ने कनाडा के राजदूत को तलब किया और अपने डिप्लोमैट्स को वापस बुला लिया। कनाडा ने भी अपने 6 राजदूतों को वापस बुलाने का आदेश दिया।
15 अक्टूबर: ट्रूडो ने फिर से भारतीय एजेंट्स पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि वे निज्जर की हत्या में शामिल थे।

मीडिया रिपोर्ट्स और आरोप

अमेरिकी मीडिया हाउस “वॉशिंगटन पोस्ट” ने दावा किया है कि भारत के गृह मंत्री अमित शाह और रॉ एजेंसी ने कनाडा में खालिस्तानियों पर हमले की इजाजत दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय डिप्लोमैट्स ने कनाडा जाने की इजाजत के बदले खुफिया जानकारी जुटाने का दबाव बनाया।

कनाडाई पुलिस के कमिश्नर माइक दुहेमे ने कहा है कि भारतीय अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए गुप्त तरीके से जानकारियां जुटाईं। उन्होंने बताया कि ये जानकारियां दक्षिण एशियाई लोगों को निशाना बनाने के लिए उपयोग की जाती थीं।

निष्कर्ष

भारत और कनाडा के बीच यह विवाद न केवल द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि अमेरिका जैसे देशों के हस्तक्षेप को भी जन्म दे रहा है। कनाडा में आने वाले संसदीय चुनावों के चलते ट्रूडो के लिए यह मुद्दा खासा महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि खालिस्तान समर्थक उनके वोट बैंक में शामिल हैं।