सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क– इंटीग्रेटेड ट्रेड– न्यूज़ भोपाल: मध्य प्रदेश की भाजपा नेता ममता यादव की मौत की पहेली अब भी अनसुलझी है। नौ महीने की गहन जांच के बावजूद, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुलिस अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। ममता यादव की लाश प्रयागराज में मिली थी, जिसे एक टैटू के जरिए पहचाना गया। परिजन उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए सौंपने की मांग कर रहे हैं, लेकिन पुलिस ने अभी तक इसकी अनुमति नहीं दी है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
पुलिस की सुस्ती से उलझा मामला
11 सितंबर, 2023 को लापता हुई ममता यादव ने 21 सितंबर को आखिरी बार अपने भाई से बात की थी। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने मामला दर्ज करने में काफी देर की। मध्य प्रदेश पुलिस का कहना है कि जांच में अधिकार क्षेत्र को लेकर अड़चनों का सामना करना पड़ा। ममता के भाई का दावा है कि कुछ असामाजिक तत्व ममता को लगातार परेशान कर रहे थे।
क्या ममता यादव के पास थे बड़े नेताओं के राज?
ममता यादव के भाई ने खुलासा किया है कि ममता के पास एक पेन ड्राइव थी, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण नेताओं के संवेदनशील राज थे। इस रहस्यमयी मौत ने राजनीति में खलबली मचा दी है। भाजपा ने साजिश की संभावना को खारिज किया है, जबकि कांग्रेस ने एनआईए या एसटीएफ से जांच की मांग की है।
परिवार अभी भी अंतिम संस्कार के इंतजार में
ममता यादव की मां ने पुलिस से अपील की है कि वे उनकी बेटी का शव सौंप दें ताकि वे उसे हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर सकें। परिवार का आरोप है कि पुलिस से कोई मदद नहीं मिल रही है, और वे न्याय की मांग कर रहे हैं।
ममता यादव की मौत का रहस्यमयी मामला पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है और एक गहरी साजिश की ओर इशारा कर रहा है, जिसे सुलझाने की जिम्मेदारी अब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पुलिस की है।