कीव । बेलारूस के सबसे पुराने अखबार को उसकी स्थापना की 115वीं वर्षगांठ पर सरकार विरोधी सामग्री प्रकाशित करने की वजह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह पूर्व सोवियत राष्ट्र में स्वतंत्र मीडिया पर सरकार की कठोर कार्रवाई का एक ताजा उदाहरण है।

इस समाचार पत्र से के संपादक और एक पत्रकार जेल में हैं, जबकि इससे जुड़े अधिकांश पत्रकारों को देश छोड़कर भागना पड़ा है। समाचार पत्र ‘नशा निवा’ को मिन्स्क में केन्द्रीय जिला अदालत ने कट्टरपंथी बताते हुए अवैध घोषित कर दिया। कोर्ट ने सूचना मंत्रालय के अनुरोध पर यह कार्रवाई की।

‘नशा निवा’ की किसी भी सामग्री को प्रसारित या प्रचारित करने वाले को सात साल तक की कैद हो सकती है। बेलारूस के अधिकारियों ने ऑनलाइन समाचार पत्र को जुलाई में बंद कर दिया था और उसके मुख्य संपादक याहोर मार्टसिनोविच और पत्रकार एंड्री स्कर्को को गिरफ्तार कर लिया था।

वे अब भी हिरासत में हैं। बेलारूस के करीब 29 पत्रकार अभी हिरासत में हैं, जो या तो सजा काट रहे हैं या अपने मुकदमे की सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं। ‘नशा निवा’ के अधिकतर अन्य पत्रकारों ने देश छोड़ दिया है। वे समाचार पत्र को ऑनलाइन प्रकाशित कर रहे थे।

‘बेलारूस पत्रकार संघ’ के प्रमुख आंद्रेई बास्टुनेट्स ने कहा कि अधिकारियों द्वारा सभी को कट्टरपंथी बताकर बेलारूस के स्वतंत्र मीडिया को तबाह करना जारी है। बेलारूस में स्थिति क्यूबा तथा ईरान से भी बदतर है और उत्तर कोरिया के मानदंडों के करीब पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि ‘नशा निवा’ का राष्ट्रीय विरासत के हिस्से के रूप में स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में व्यापक रूप से उल्लेख किया गया है।

अभी यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि इस पर प्रतिबंध के बाद बेलारूस के अधिकारी स्थिति को कैसे संभालेंगे। उल्लेखनीय है कि ‘नशा निवा’ ने बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर खबरें दी हैं, जो अगस्त सन 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद अलेक्सांद्र लुकाशेंको के छठी बार राष्ट्रपति का कार्यकाल संभालने के बाद शुरू हुए थे। विपक्ष और पश्चिम ने राष्ट्रपति चुनाव में धांधली होने की बात कही है।