आईटीडीसी न्यूज़/समाचार डेस्क टीम/अनुराग पांडेय:
महाराष्ट्र से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा व उनके पति व निर्दलीय विधायक रवि राणा को मुंबई पुलिस ने सुबह से चल रहे घटनाक्रम और राणा दंपति व शिवसेना समर्थको मे हुई खिचातनी के बाद शाम आते-आते महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। उन पर दो समुदाय के बीच नफरत फैलाने का आरोप है।
इससे पहले सुबह से ही राणा दंपति के आवास के बाहर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने काफी बड़ा विरोध-प्रदर्शन किया और सैकड़ों शिवसेना कार्यकर्ताओं ने उनके आवास के बाहर जय महाराष्ट्र और जय हनुमान और जय श्री राम के नारे भी लगाये और सुबह से ही शिवसेना कार्यकर्ताओ ने उनके घर के बाहर खूब हंगामा भी किया। शिवसेना कार्यकर्ताओं के अनेक नारे लगाते हुए वाले वीडियो इंटरनेट मे वायरल हो रहे है । इस बीच नवनीत और उनके पति रवि राणा को महाराष्ट्र पुलिस खार पुलिस स्टेशन लेकर पहुंची। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस से मदद की गुहार लगाई है।
सुबह से चले इस घटना क्रम के बारे मे जब शिवसेना के दिग्गज नेता व सांसद संजय राउत ने नवनीत राणा व रवि राणा को बांटी और बबली की जोड़ी बताया और कहा की ये राणा दंपति बीजेपी के एजेंट्स है और उसी के लिए ये सब कर रहे है।
निर्दलीय सांसद नवनीत व विधायक पति रवि राणा पर खार पुलिस ने धारा 153 (ए), 34, आईपीसी आर/डब्ल्यू 37(1) 135 पुलिस अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस विश्लेषण के लिए इस मामले से जुड़े वीडियो फुटेज और प्रेस कॉन्फ्रेंस फुटेज एकत्र कर रही है। वहीं नवनीत राणा और रवि राणा ने मुंबई पुलिस को लिखित शिकायत दी है।
इसमें कहा गया है कि सीएम उद्धव ठाकरे, शिवसेना नेता अनिल परब और संजय राउत सहित सभी 700 लोगों पर भी धारा 120 बी, 143, 147, 148, 149, 452, 307, 153ए, 294, 504, 506 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। नवनीत राणा के वकील का कहना है रिजवान मर्चेंट और राणा दंपति की गिरफ्तार अवैध है। नवनीत राणा के वकील ने आगे कहा की “गिरफ्तार करने से पहले महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर से अनुमति नही ली गयी थी और ये गिरफ्तारी अवैध है। नवनीत राणा ने फिलहाल जमानत लेने से मना कर दिया है, कल पुलिस नवनीत राणा और रवि राणा को बांद्रा हाईकोर्ट में पेश करेगी।
अब देखना ये होगा की पहले से ही नवाब मालिक की वजह से मुश्किल मे रहीं महा विकास आघाडी की उद्धव सरकार इस मुश्किल का कैसे सामना करती है। मातोश्री के सामने हनुमान चालीस के पाठ पढ़ने को लेकर शुरू हुए इस मामले ने देखते ही देखते बहुत तुल पकड़ लिया है।