सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय दीक्षा आरंभ समारोह की शुरुआत हुई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कृष्णा गौर जी, जो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), मध्य प्रदेश शासन और इस क्षेत्र की प्रतिनिधि हैं, उपस्थित थीं। मंच पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. एस.के. जैन, कुलसचिव आई.के. मंसूरी जी, और विवेक शर्मा जी भी थे। कार्यक्रम का संबोधन और समन्वय डॉ. अनीता तिलवारी और मुख्य समन्वयक डॉ. रूचि घोष द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नव-प्रवेशित विद्यार्थियों को सकारात्मक वातावरण प्रदान करना था। प्रोफेसर विवेक शर्मा जी, निदेशक प्रबंध संस्थान, ने स्वागत भाषण देते हुए विश्वविद्यालय के विशाल परिसर, विभिन्न जिलों में फैले कार्य क्षेत्र, विश्वविद्यालय की विशेष सुविधाएं, शोध और अनुसंधान के अवसरों के विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी संकायों और विभागों के विषय में भी संक्षिप्त जानकारी प्रदान की और इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के महत्व और इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

Three-day commencement ceremony begins at Barkatullah Universityकृष्णा गौर जी ने मंच को संबोधित करते हुए युवाओं को देश का भविष्य नहीं, बल्कि वर्तमान बताया। उन्होंने कहा कि देश वैसा ही बनता है जैसा युवा पीढ़ी बनाती है; इसलिए युवा की सोच, चिंतन, विचार और दृष्टिकोण ही देश का भविष्य तय करता है। वर्तमान का युवा अगर राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण और हमारे संस्कारों-संस्कृति से जुड़ा होता है, तभी देश का भविष्य सुरक्षित होता है। वर्तमान को संवारने का काम युवा ही कर सकते हैं और वर्तमान से जुड़ा हमारा भविष्य है। उन्होंने कहा कि कठोर परिश्रम ही सफलता दिलवाता है। हमारे विश्वविद्यालय को एमपी के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक बताते हुए उन्होंने ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का उद्धरण साझा किया, जिसमें कहा गया है कि सपने वे नहीं होते जो नींद में देखे जाते हैं, बल्कि सपने वे होते हैं जो नींद ही नहीं आने देते। इसलिए हमें ऐसे सपने देखने चाहिए जो विश्वविद्यालय को सफलता के शिखर पर पहुंचा दें।
विश्वविद्यालय के प्रो. जैन ने सभी विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के परिसर में शामिल होने का आह्वान किया और उन्हें एक उत्कृष्ट एकेडमिक वातावरण प्रदान करने का आश्वासन देते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का सकारात्मक आश्वासन दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की अकादमिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, खेलकूद, और शोध अनुसंधान गतिविधियों में विद्यार्थियों की प्रतिभागिता हेतु अनुरोध किया और उन्हें विश्वविद्यालय के परिवार में सम्मिलित करते हुए आशीर्वाद प्रदान किया।
इस दौरान, विद्यार्थियों को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, साहित्यिक, और सांस्कृतिक गतिविधियों से अवगत कराया गया। आशा व्यक्त की गई कि यहां से पढ़कर निकलने वाले विद्यार्थी दुनिया में अपने माता-पिता और विश्वविद्यालय का नाम रोशन करें।
कार्यक्रम का समापन उद्बोधन आई.के. मंसूरी द्वारा दिया गया। यह कार्यक्रम ज्ञान विज्ञान भवन में हुआ, जहां 700 से अधिक विद्यार्थी और शिक्षक गण उपस्थित थे।