सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: माइक्रोबायोलॉजी विभाग (बरकतुल्लाह यूनिवर्सिट) में अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्मजीव दिवस मनाया गया, यह एक वैश्विक आयोजन है जो सूक्ष्मजीवों की जीवन और पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिकाओं को उजागर करता है। यह दिन हमें यह जागरूकता प्रदान करता है कि सूक्ष्मजीव, जैसे हमारे आंत में पाए जाने वाले लाभकारी बैक्टीरिया और रोग उत्पन्न करने वाले रोगाणु, हमारी जीवनशैली पर कैसे प्रभाव डालते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्मजीव दिवस में एक दिन का वर्कशॉप रखा गया था। सूक्ष्मजीवों के योगदान को मान्यता देकर, उनकी जीवन के विकास और पारिस्थितिकी तंत्र के कार्य में भूमिका को बेहतर ढंग से समझाया गया । यह आयोजन शिक्षकों, शोधकर्ताओं और उत्साही लोगों को एक मंच प्रदान किया , जहाँ वे ज्ञान साझा , वैज्ञानिक उपलब्धियों का जश्न, चिकित्सा, कृषि और पारिस्थितिकी जैसे क्षेत्रों में सूक्ष्मजीव विज्ञान के महत्व को बढ़ावा दे सकते है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूनिवर्सिटी के कुलगुरु प्रोफेसर एस .के. जैन थे। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हम कोई भी काम शिद्दत से करें तो सफलता हमारे कदम चूमेगी ।
कार्यक्रम का स्वागत भाषण विभाग की प्रमुख डॉक्टर अनीता तिलवारी ने दिया उन्होंने बताया सूक्ष्मजीवों की उद्यमिता विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। सूक्ष्मजीवों का उपयोग खाद्य और पेय उद्योग जैसे कि यीस्ट का उपयोग ब्रेड बनाने में किया जाता है, इससे नए व्यावसायिक अवसर उत्पन्न होते हैं। इनका उपयोग दवा और जैविक उत्पादों के निर्माण में, एंटीबायोटिक्स, वैक्सीन्स और अन्य चिकित्सा उत्पादों की खोज में तथा सूक्ष्मजीवों की सहायता से नई कंपनियों का विकास हो रहा है।
सूक्ष्मजीवों का उपयोग जैविक खाद और कीटनाशकों के उत्पादन में होता है, जिससे सतत कृषि को बढ़ावा मिलता है। इससे किसानों को लाभ होता है और नए उद्यम स्थापित होते हैं। सूक्ष्मजीवों का उपयोग प्रदूषण नियंत्रण और अपशिष्ट प्रबंधन में किया जा सकता है। यह उद्यमियों के लिए नई संभावनाएं प्रदान करता है। सूक्ष्मजीव विज्ञान में अनुसंधान से नए उत्पादों और सेवाओं का विकास होता है, जो उद्यमिता को बढ़ावा देता है। सूक्ष्मजीवों के बारे में जागरूकता फैलाने से नए उद्यमियों को प्रेरित किया जा सकता है कि वे सूक्ष्मजीवों के लाभों का उपयोग करके अभिनव विचारों पर काम करें।
कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ता अनिरुद्ध कुमार सिंह जो की सीनियर साइंटिस्ट है एवं राहुल बसोड़ जो सीनियर माइक्रोबायोलॉजिस्ट है। उन्होंने विद्यार्थियों को कई पहलुओं के माध्यम से समझाया कि, सूक्ष्मजीव उद्यमिता विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और नए व्यवसायों के लिए अवसर उत्पन्न करने के आधुनिक तरीके सिखाए । जो कि कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य था, कि बच्चे अभी से उद्योग को एक विकल्प के रूप में समझें और अपनाएँ।
विभाग में रंगोली प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने प्राकृतिक वस्तुओं जैसे अनाज पेड़ के पत्ते, फूल, टहनियां, जड़ आदि से रंगोली बनाई, जिसमें जीतने वाले विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट भी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में सुनील कुमार स्नेही, प्रोफेसर रागनी गोथिलवाल एवं माइक्रोबायोलॉजी, बॉटनी एवं एग्रोनॉमी विभाग के अतिथि विद्वान एवं विभाग के लगभग 80 विद्यार्थी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र मालवीय एवं आयोजन माधुरी शिंदे ने किया। कार्यक्रम का समापन सुनील कुमार स्नेही जी ने किया ।