सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह कुशाभारत ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में भव्य दीक्षांत समारोह का आयोजन प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगू भाई पटेल ने की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री मोहन यादव एवं विशिष्ट अतिथि इंदर सिंह परमार उपस्थित थे। कार्यक्रम का आरंभ भव्य शोभा यात्रा से हुआ जिसमे राज्यपाल एवं कुलाधिपति, माननीय मुख्यमंत्री, माननीय शिक्षा मंत्री, अकादमी परिषद के सभी सदस्य, माननीय कार्य परिषद के सभी सदस्य सहित कुल गुरु और कुल सचिव जी ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। उक्त आयोजन, में 28विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल 94अन्य विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्रीप्रदान की गई। कार्यक्रम की प्रारंभ में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर एसके जैन ने दीक्षांत समारोह से संबंधित स्वागत भाषण दिया एवं वहां उपस्थित सभी विद्यार्थियों को जो कि आज दीक्षांत के माध्यम से डिग्री प्राप्त कर रहे हैं उन्हें समाज एवं राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व के निर्वहन के साथ सामाजिक जीवन में प्रवेश के लिए शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने समारोह की अध्यक्षता की। विशिष्ठ अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार मौजूद रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि विद्यालय के बाद विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह हमको अपने आप में इस संसार के साथ एक अपनी अभी तक की जीवन यात्रा के नए पड़ाव की तरफ जाने के लिए अग्रसर करता है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान घोषणा की कि भविष्य में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय सभी पात्र विद्यार्थियों को निःशुल्क उपाधि प्रदान करेगा |
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह एक अपने जीवन के अगले पड़ाव में जाने का कार्यक्रम है। इसलिए इसमे ंकई सारे विषयों पर विचार करने का अवसर पर भी हमें देता है। हमारे जीवन में जन्म से लेकर परिवार, समाज, शिक्षक, प्रोफेसर, कुलगुरू इन सब का हमारे जीवन के निर्माण में कुछ न कुछ योगदान होता है। जन्मभूमि का भी हम पर कर्ज होता है। एक संस्कार के रूप में इस कर्ज को उतारने की आदत हमारे जीवन होनी चाहिए। अपने देश की परंपरा को ध्यान में रखते हुए हमने जो भी प्राप्त किया है हमारे देश और समाज के लिए है। हमारे देश में कई भ्रम पैदा किए गए थे, गलत तथ्यों के आधार पर भारत क्षवि दुनिया के सामने बनाई गई थी। आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से शोध-रिसर्च से इसका खंडन करने का समय आया है। माननीय कुलगुरु द्वारा उपाधि प्राप्त करने वाले समस्त विद्यार्थियों को दीक्षांत उपदेश भी दिया गया। कार्यक्रम के समापन की घोषणा महामहिम एवं कुलाधिपति की अनुमति से शोभा यात्रा की वापसी के साथ किया गया। विद्यार्थियों में दीक्षांत समारोह के माध्यम से उपाधि प्राप्ति करने हेतु अत्यंत ही हर्ष र्और उत्साह का वातावरण देखा गया। कार्यक्रम में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के अंतर्गत सभी महाविद्यालयों के अध्यापक, अनेक विश्वविद्यालय के कुलपति सहित विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक कर्मचारी विद्यार्थी एवं शहर के गण मान्य व्यक्ति उपस्थित थे।