भोपाल । मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मिंटो हाल में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध 1971 की विजय दिवस की 50 वीं वर्षगांठ के सिलसिले में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, विशिष्ट अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री  कमलनाथ और प्रवीण डावर थे। इस अवसर पर बांग्लादेश मुक्ति संग्राम पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मीरा कुमार ने कहा कि बांग्लादेश का मुक्ति संग्राम ना भूतो ना भविष्यति वाला संग्राम है। बांग्लादेश युद्ध के अपने अनुभव साझा करते हुए मीरा कुमार ने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई युद्ध नहीं हुआ जिसमें 93000 सैनिकों के हाथ में हथियार रहे हो उसके बावजूद उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया हो। उन्होंने कहा यह इंदिरा गांधी का कुशल राजनीतिक नेतृत्व ही था कि अमेरिका और चीन, पाकिस्तान का समर्थन कर रहे थे उसके बावजूद भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और बांग्लादेश के रूप में नए राष्ट्र का जन्म हुआ।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि बांग्लादेश युद्ध के समय वह नौजवान थे। उन्हें अच्छी तरह याद है कि इंदिरा जी बाबू जगजीवन राम का कितना सम्मान करती थी और उन्हें हमेशा बाबूजी कहकर ही संबोधित करती थी। उन्होंने बताया कि युद्ध से पहले बांग्लादेश की मुक्ति सेना के निर्माण में भारत की सरकार ने बहुत ही कूटनीतिक तरीके से काम किया था। अपना निजी अनुभव सुनाते हुए उन्होंने कहा कि एक बार इंदिरा गांधी ने उनसे कहा कि कोलकाता में मुक्ति वाहिनी के कुछ लोग आकर रुके हैं आप उनके निवास और अन्य सुविधाओं का इंतजाम करिए।  कमलनाथ ने कहा कि उन्हें बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी के नेताओं का स्वागत सत्कार करने का सम्मान मिला।  कमलनाथ ने कहा कि बांग्लादेश का युद्ध इस बात का भी प्रतीक है कि भारतीय सेना में उस समय हर धर्म हर जाति और हर क्षेत्र के लोग शामिल थे, इस तरह से पूरे भारत ने न सिर्फ युद्ध में अपना पराक्रम दिखाया बल्कि भारत की एकजुटता और सांस्कृतिक एकता का भी प्रदर्शन किया।

1971 बांग्लादेश मुक्ति युद्ध कार्यक्रम की केंद्रीय समन्वय समिति के समन्वयक  प्रवीण डावर ने बताया कि वह 14 नवंबर 1971 को सेना में भर्ती हुए थे और तत्काल उन्हें इस युद्ध में शामिल होने का मौका मिला।  डावर ने बताया कि भारतीय सेना ने जिस रणनीति से युद्ध लड़ा वह दुनिया में अविस्मरणीय है।

इस अवसर पर 1971 के युद्ध में शामिल हुए नेवी के कमांडर सोमल, एयरफोर्स के एयर वाइस मार्शल पीके श्रीवास्तव और सेना के मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव ने भी सभा को संबोधित किया। तीनों सेना नायकों ने भारतीय सेना की बहादुरी सूझबूझ और अदम्य साहस के रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानियां उपस्थित लोगों को सुनाईं।

कार्यक्रम का संचालन मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने किया। कार्यक्रम के अंत में हाल ही में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए सीडीएस विपिन रावत और भोपाल के कैप्टन वरुण सिंह और जितेंद्र वर्मा सहित सभी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।कार्यक्रम के अंत में अजिता वाजपेई पांडे ने सभी का आभार व्यक्त किया।