सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क– इंटीग्रेटेड ट्रेड- न्यूज़ भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने विपक्ष पर नकारात्मक राजनीति करने और संसद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। पिछले सत्र में पीएम के भाषण के दौरान हुए हंगामे को याद करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें ढाई घंटे तक बोलने नहीं दिया गया और उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया गया।
भारत की आर्थिक प्रगति पर जोर
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हर भारतीय के लिए गर्व की बात है कि भारत बड़ी इकोनॉमी वाले देशों में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है। पिछले तीन वर्षों में हमारी अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। आज भारत में सकारात्मकता, निवेश और प्रदर्शन के अवसर अपनी चरम सीमा पर हैं। यह भारत की विकास यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है।
विपक्ष पर कड़े आरोप
बिना किसी का नाम लिए पीएम मोदी ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद पहले सत्र में 140 करोड़ देशवासियों की आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास किया गया। उन्होंने कहा, “देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का, उनकी आवाज को रोकने का प्रयास लोकतांत्रिक परंपरा में कोई स्थान नहीं है। इन सबके बावजूद विपक्ष को कोई पछतावा नहीं है।”
सांसदों से विशेष अनुरोध
प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों से अपील की कि वे संसद की गरिमा को बनाए रखें और चर्चा में सभी को हिस्सा लेने का मौका दें। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद कई सांसदों को अपने क्षेत्र की बात कहने का अवसर नहीं मिला क्योंकि कुछ लोगों की नकारात्मक राजनीति ने संसद के समय का दुरुपयोग किया। पीएम ने कहा कि देश को नकारात्मकता की नहीं, बल्कि प्रगति और विकास की विचारधारा की जरूरत है।
बजट सत्र की प्राथमिकताएं
पीएम मोदी ने कहा कि यह बजट सत्र महत्वपूर्ण है और सरकार की गारंटियों को पूरा करने के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा, “अमृतकाल का यह महत्वपूर्ण बजट है जो हमारे अगले पांच वर्षों की दिशा तय करेगा।” मोदी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए यह बजट अहम कदम साबित होगा।
इस सत्र में प्रधानमंत्री ने सभी दलों से रचनात्मक चर्चा में भाग लेने और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया ताकि देश की प्रगति और विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके।