सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बदलापुर यौन शोषण केस को लेकर महाविकास अघाड़ी शनिवार को विरोध प्रदर्शन कर रही है। NCP(SCP) के चीफ शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले पुणे में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने हाथ पर काली पट्टी भी बांधी हैं।

इससे पहले संजय राउत ने कहा- विरोध प्रदर्शन के जरिए हमारी आवाज यूक्रेन तक जाएगी, जहां PM मोदी घूम रहे हैं। प्रधानमंत्री यूक्रेन, पोलैंड और रूस की यात्रा पर हैं। वहां की समस्या के साथ जुड़े हुए हैं।

हमारी महाराष्ट्र की मां-बच्चियों के पर अत्याचार हो रहा है। हमारी आवाज यूक्रेन-पोलैंड तक जाए, इसलिए हमने बंद की घोषणा की थी, लेकिन कोर्ट ने बंद करने से मना किया। हम कोर्ट का सम्मान करते हैं।

MVA ने बदलापुर मामले को लेकर महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया था, लेकिन शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस बंद पर रोक लगा दी। इसके बाद MVA ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया।

दरअसल, ठाणे के बदलापुर के आदर्श स्कूल में 13 अगस्त को 2 बच्चियों के साथ यौन शोषण हुआ था। केस में पुलिस की लापरवाही की बात सामने आई थी, जिसे लेकर MVA ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया था।

सुप्रिया बोलीं- इतनी असंवेदनशील सरकार कभी नहीं देखी

शरद पवार की बेटी और NCP (SCP) सांसद सुप्रिया सले ने कहा- प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं। लोगों में पुलिस का कोई डर नहीं है। मैं सरकार की निंदा करता हूं। मैंने इतनी असंवेदनशील सरकार कभी नहीं देखी। जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, हम विरोध करना बंद नहीं करेंगे।

कांग्रेस बोली- अपराधियों में कोई डर नहीं बचा है

महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता विजय वेडट्टीवार ने कहा- राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं है। हम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और महिलाओं के खिलाफ हो रही घटनाओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों के आंदोलन के बावजूद अगर राज्य में ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो इससे पता चलता है कि राज्य में अपराध पर कोई नियंत्रण नहीं है। अपराधियों में कोई डर नहीं है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- बंद बुलाया तो कार्रवाई होगी

बॉम्बे हाई कोर्ट में शुक्रवार को जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की बेंच ने कहा- किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति को बंद बुलाने या करने की इजाजत नहीं है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए।

बेंच ने 2004 में बॉम्बे हाईकोर्ट के दिए गए फैसले का हवाल दिया। बेंच ने कहा- बंद पूरी तरह से गैरकानूनी है। किसी भी तरह का नुकसान होता है तो इसके लिए राजनीतिक दल जिम्मेदार होंगे। उन्हें नुकसान की भरपाई करनी होगी।