सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बॉम्बे हाईकोर्ट में ठाणे जिले के बदलापुर स्थित एक स्कूल में यौन शोषण मामले पर गुरुवार (22 अगस्त) को थोड़ी देर में सुनवाई शुरू होगी। कोर्ट ने बुधवार (21 अगस्त) को मामले पर खुद संज्ञान लिया था।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की डिवीजन बेंच ने आज सुबह 10:30 बजे मामले की सुनवाई शुरू की। हालांकि, एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ कोर्ट नहीं पहुंचे थे। उनके आने तक सुनवाई रोक दी गई है।
बदलापुर के आदर्श स्कूल में 12 और 13 अगस्त को 23 साल के सफाई कर्मी अक्षय शिंदे ने किंडरगार्टन में पढ़ने वाली 4 साल की दो बच्चियों का यौन शोषण किया था। FIR के अनुसार, बच्चियों के पेरेंट्स ने 16 अगस्त को पुलिस को इसकी सूचना दी। हालांकि, परिवार का कहना है कि उन्होंने घटना के 11 घंटे बाद ही शिकायत की थी।
पुलिस ने 17 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार किया। लोकल कोर्ट ने उसे 26 अगस्त तक पुलिस कस्टडी में भेजा है। घटना के खिलाफ बदलापुर में 20 अगस्त को कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए। हिंसा की आशंका को देखते हुए इंटरनेट बंद किया गया है। 21 अगस्त को स्कूल भी बंद रहे।
घटना के बाद स्कूल जाने से डर रही थीं बच्चियां
पुलिस के मुताबिक, स्वीपर अक्षय शिंदे ने गर्ल्स टायलेट में बच्चियों से गलत हरकत की थी। घटना के बाद दोनों बच्चियां स्कूल जाने से डर रही थीं। एक बच्ची के माता-पिता को शक हुआ तो उन्होंने बेटी से पूछताछ की। इसके बाद बच्ची ने सारी बात बताई।
फिर उस बच्ची के माता-पिता ने दूसरी बच्ची के पेरेंट से बात की। इसके बाद दोनों बच्चियों का मेडिकल टेस्ट हुआ, जिसमें यौन शोषण का खुलासा हुआ। दोनों परिवार केस दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचा।
आरोप है कि सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर शुभदा शितोले ने पोक्सो एक्ट का मामला होने के बावजूद FIR दर्ज करने में टालमटोल की। पीड़ित परिवारों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से मदद मांगी। दो दिन बाद 16 अगस्त की देर रात पुलिस ने शिकायत दर्ज की।
आरोपी को दादा बोलती थी बच्चियां
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी 1 अगस्त को ही स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था। बच्ची उसे दादा (बड़े भाई के लिए मराठी शब्द) पुकारती थी। बच्ची के मुताबिक ‘दादा’ ने उसके कपड़े खोले और गलत तरीके से छुआ। स्कूल में जहां घटना हुई, वहां महिला कर्मचारी नहीं थी।
महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने आरोप लगाया कि स्कूल ने बच्चियों के पैरेंट्स की मदद करने के बजाय अपराध को छुपाया। स्कूल समय पर संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज करवाता तो अराजक स्थिति से बचा जा सकता था।
विपक्षी पार्टियों ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद बुलाया
बदलापुर की घटना पर महाराष्ट्र में विपक्षी दलमहाविकास अघाड़ी ने घटना के विरोध में 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद बुलाया है। गठबंधन के दल कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और एनसीपी (SCP) ने 21 अगस्त को बैठक के बाद यह फैसला किया।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने 20 अगस्त को हुए विरोध प्रदर्शन को सियासत से प्रेरित बताया। उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर प्रदर्शनकारी बाहरी थे।
300 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR, 72 गिरफ्तार
बच्चियों से यौन शोषण की घटना को लेकर 20 अगस्त को हजारों लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। लोगों ने पहले उस स्कूल में तोड़फोड़ की, जिसमें ये घटना घटी। सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक बदलापुर स्टेशन पर भी प्रदर्शन किया। 10 घंटे से ज्यादा लोकल ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही।
हंगामे में भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया था। शाम होते-होते पुलिस ने लाठीचार्ज कर रेलवे ट्रैक खाली कराया। राज्य सरकार ने यौन शोषण का केस दर्ज करने से 12 घंटे तक टालते रहे बदलापुर थाने के महिला पुलिस निरीक्षक समेत 3 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया।
हंगामे के दौरान 17 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने करीब 300 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की। 72 लोगों को अरेस्ट किया गया। वहीं, मामले की जांच के लिए IG आरती सिंह के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है। मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा और सरकारी वकील उज्ज्वल निकम होंगे।
निकम को सरकारी वकील नियुक्त करने पर उठे सवाल
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने बदलापुर मामले की पैरवी के लिए उज्ज्वल निकम को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने पर सवाल उठाए हैं। निकम भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वे स्कूल का ही बचाव करेंगे। इसलिए पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल सकता।