आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : लीजेंड्री सिंगर हरिहरन के बेटे करण हरिहरन और पानी कश्यप स्टारर फिल्म ‘प्यार है तो है’ 20 अक्टूबर को रिलीज होगी। इन दोनों ने अपनी फिल्म से जुड़ी बिंदुओं पर दैनिक भास्कर से खास बातचीत की है। इसके अलावा करण हरिहरन से उनके पिता से जुड़े कई सवाल किए गए।
आपको पहले हरिहरन के बेटे और बाद में आपके नाम से लोग बुलाते हैं। इसे खुशी, चिढ़ या गर्व के तौर पर लेते हैं?
करण का जवाब- मैं ऐसी बातों को हंसकर लेता हूं। मैं उनका ही बेटा हूं, गलत थोड़े न बोल रहे हैं। देखिए, जब तक खुद की आइडेंटिटी नहीं बनाता हूं, तब तक लोग इंट्रोड्यूज ऐसे ही करते हैं। हां, 16-17 साल का था, तब इतना मैच्योर नहीं था तो गुस्सा आता था। उस समय लगता था कि खुद का नाम-पहचान नहीं है।
अब लगता है कि जब मुझे जानने के लिए एक रीजन नहीं होगा, तब तक मुझे ऐसे ही बुलाओगे। ऐसे में सामने वाले पर गुस्सा कैसे करूं। इस बात को हंसकर लेने का, इस पर गुस्सा नहीं करने चाहिए। शुरू में करण एस. लिखता था ताकि लोगों को पता न चले कि मैं हरिहरन का बेटा हूं।
हरिहरन का बेटा हूं, यह जानकर लोगों को विहेवियर ही चेंज हो जाता है। मुझे अच्छा नहीं लगता था, इसलिए कभी-कभी नाम ही छुपा लेता था।
इंडस्ट्री में पिताजी का इतना बड़ा नाम है। क्या कभी इस बात का प्रेशर भी महसूस करते हैं?
जवाब- उनकी लेगसी इतनी बड़ी है कि मुझे उसको मैच करना है या उससे आगे बढ़ना है। वो प्रेशर है। पापा ने जिस क्वालिटी का काम किया है, उसका प्रेशर है। मुझे यह प्रेशर होता है कि काम अच्छा होना चाहिए बाकी प्रेशर नहीं लेता हूं। उनके जैसा करियर मुझे भी चाहिए ताकि एक दिन पलट कर कह सकूं कि पापा आपने मुझे सही सीख दी है।
फिल्म के लिए रोल कैसे मिला?
करण: खुशनसीब हूं कि इस फिल्म के लिए ऑडिशन दिया था। ऑडिशन में पास होने के बाद डायरेक्टर-प्रोड्यूसर से मुलाकात हुई। उन्होंने फिल्म की कहानी और मेरे किरदार के बारे में बताया। इस तरह बॉलीवुड में डेब्यू करने का मौका मिल गया।
पानी: मैं डायरेक्टर से मिली थी, तब मेरा पैर टूटा हुआ था। मेरी फोटो जा चुकी थी, हमारे बीच बात हो चुकी थी, ऑडिशन होने वाला था। मुझसे ऑडिशन लिया जाए या नहीं, उससे पहले वह मीटिंग बहुत जरूरी था।
मैं डायरेक्टर से मिलने के लिए वॉकर पर आई थी। डायरेक्टर ने देखते ही कहा कि मुझे लगता है कि यह मेरी निम्मो हैं, इनका ऑडिशन कर सकते हैं। मैंने ऑडिशन दिया और निम्मो बन गई।
आपकी फिल्म का ट्रेलर अमिताभ बच्चन ने सोशल मीडिया पर लांच किया। क्या कहेंगे?
करण: इस बात को बताते हुए मेरे हाथ-पांव हर बार कांपने लगते हैं। देखिए, आपको बताते हुए मेरे हाथ कांपने लग गए। वे हमारे लिए सब कुछ हैं। हमें पता ही नहीं था। हमें अचानक पता चला। हमारे लिए यह सरप्राइज था।
मुझे तो मजाक लग रहा था। लेकिन हमारे प्रोड्यूसर ने फोन करके यह खबर मुझे दी। उनकी सोशल मीडिया साइट पर ट्रेलर देखकर एक-दो मिनट के लिए मैं अपनी जगह पर ही बैठा रह गया।
पानी- अमिताभ बच्चन अपने आप में एक इंस्टीट्यूशन हैं। उनको देखकर सीख है। हमारी फिल्म में ऐसा हो गया कि हम जहां से खड़े हुए, वहीं से लाइन शुरू हो गई, क्योंकि शुरू में ही उनका आशीर्वाद मिल गया।
पहली बार यह खबर पाकर खुशी से चिल्ला उठी। गणेश चतुर्थी का टाइम का था। मैं घर का काम कर रही थी। मुझे प्रोड्यूसर का फोन आया। उनकी बात सुनकर शुरू में आश्चर्यचकित रही, समझ ही नहीं आया।
पिताजी हरिहरन का संगीत जगत में अच्छा नाम है। फिर आप सिंगिंग क्यों नहीं, एक्टिंग लाइन कैसे चुने?
जवाब- मैं गाना गाता हूं, पियानो और गिटार बजाता हूं। इस तरह जो गाना गाता हूं, तब उसमें एक्टिंग ही कर रहा हूं। शुरू से दिल में एक्टिंग से प्यार रहा है। बचपन से ही एक्टिंग करने की ख्वाहिश थी। मेरा दिल एक्टिंग में बसता था, इसलिए मुझे एक्टर ही बनना था। मैं भी गाना गाता हूं। पापा के साथ शोज भी करता था, पर प्रोफेशनलिज्म के लिए अलग टाइम देना चाहिए।
बचपन में पापा के साथ सेट पर जाता था। उसी समय से एक्टिंग से प्यार हो गया। तब से एक्टिंग के प्यार को छोड़ नहीं पाया। स्कूल में थिएटर किया। पढ़ाई पूरी कर अमेरिका गया और वहां पर तीन साल एक्टिंग सीखा। वापस आकर बॉलीवुड की एक अलग ट्रेनिंग लेकर एक्टिंग लाइन में आ गया। डांस, फिक्शन, एक्टिंग, लहजा आदि सीखकर इस लाइन में आ गया।