सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बांग्लादेश में हाल ही की घटनाओं ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अत्याचारों की बढ़ती घटनाओं ने न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ाई है।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया:
- सीमा निगरानी समिति का गठन
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को देखते हुए, भारत सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर निगरानी के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है।
उद्देश्य:- सीमाई गतिविधियों पर कड़ी नजर रखना।
- जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई करना।
- कूटनीतिक वार्ता
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बांग्लादेश सरकार के साथ संवाद स्थापित कर भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास तेज किए हैं।
भारतीय समाज की प्रतिक्रिया:
- मशहूर हस्तियों का ओपन लेटर
भारतीय लेखकों और वकीलों ने संसद से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।- लेखक अमिश त्रिपाठी और वकील जे साई दीपक जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।
- कांग्रेस की प्रतिक्रिया
प्रियंका गांधी ने इन घटनाओं को अस्वीकार्य बताते हुए भारत सरकार से अधिक सक्रियता की मांग की है।
कूटनीति के बहुस्तरीय कारण
- भारत-बांग्लादेश संबंध
- भारत और बांग्लादेश के आर्थिक और सुरक्षा संबंध जटिल हैं।
- चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना भारत की प्राथमिकता है।
- आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचाव
- भारत, बांग्लादेश की संप्रभुता का सम्मान करते हुए सीधे हस्तक्षेप से बच रहा है।
- अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांतिपूर्ण छवि बनाए रखना भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
- शेख हसीना सरकार का समर्थन
- शेख हसीना की भारत-समर्थक सरकार को चुनावी लाभ पहुंचाने की रणनीति।
- सुरक्षा सहयोग
- आतंकवाद और सीमा सुरक्षा में भारत और बांग्लादेश के सहयोग को बनाए रखने की प्राथमिकता।
समाज और सरकार की भूमिका
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के मुद्दे पर भारत की चुप्पी को लेकर समाज में गहरी नाराजगी है। हालांकि, कूटनीति की जटिलताओं को समझते हुए सरकार को सतर्क और संतुलित प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है।