सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानून मंत्री आसिफ नजरुल ने शुक्रवार को कहा कि अगर भारत पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण से इनकार करता है, तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसके बाद मंत्री ने यह टिप्पणी की।

प्रत्यर्पण को लेकर बांग्लादेश का रुख
नजरुल ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि है, जिसके तहत भारत शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने के लिए बाध्य है। 18 नवंबर तक शेख हसीना को बांग्लादेशी अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है। शेख हसीना पर छात्र आंदोलन के दौरान हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों के तहत 200 से ज्यादा मामले चल रहे हैं।

भारत का बयान
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख हसीना सुरक्षा कारणों से भारत आई थीं और वर्तमान में भारत में ही हैं। उन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। शेख हसीना के राजनयिक पासपोर्ट को बांग्लादेश सरकार ने पहले ही रद्द कर दिया था।

भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि
भारत और बांग्लादेश के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि को साल 2016 में और सरल बना दिया गया, ताकि अपराधियों का प्रत्यर्पण तेजी से हो सके। इसमें हत्या, गुमशुदगी, बम विस्फोट और आतंकवाद जैसे गंभीर मामलों में प्रत्यर्पण से इनकार नहीं किया जा सकता।

विरोधियों की प्रतिक्रिया
शेख हसीना के विरोधी नेता रूहुल कबीर रिजवी ने कहा कि हसीना को शरण देना एक हत्यारे और अपराधी को शरण देने जैसा है, और उन्हें उचित कूटनीतिक प्रक्रिया से वापस लाना चाहिए।