सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क – आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इन्वेस्टर रेखा राकेश झुनझुनवाला की हिस्सेदारी वाली कंपनी बाजार स्टाइल रिटेल लिमिटेड के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) का आज (2 सितंबर) दूसरा दिन है। पहले दिन यानी 30 अगस्त को यह IPO 0.73 गुना सब्सक्राइब हो गया था। निवेशक 3 सितंबर तक इस IPO के लिए बोली लगा सकते हैं, जबकि कंपनी के शेयर 6 सितंबर को बाजार में लिस्ट होंगे।
IPO के जरिए कंपनी जुटाएगी ₹834.68 करोड़:
बाजार स्टाइल रिटेल इस इश्यू के जरिए टोटल ₹834.68 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखती है। इसमें से ₹686.68 करोड़ के 17,652,320 शेयर मौजूदा निवेशकों द्वारा ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचे जाएंगे, जबकि ₹148 करोड़ के 3,804,627 फ्रेश शेयर इश्यू किए जाएंगे।
न्यूनतम और अधिकतम निवेश:
इस IPO का प्राइस बैंड ₹370-₹389 तय किया गया है। रिटेल निवेशक कम से कम एक लॉट (38 शेयर्स) के लिए बिडिंग कर सकते हैं, जिसके लिए उन्हें ₹14,782 निवेश करने होंगे। वहीं, अधिकतम 13 लॉट (494 शेयर्स) के लिए ₹192,166 तक का निवेश किया जा सकता है।
रिटेल निवेशकों के लिए 35% हिस्सा रिजर्व:
इस इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए, 35% हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए और 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व रखा गया है।
ग्रे मार्केट में IPO का प्रीमियम:
लिस्टिंग से पहले कंपनी का शेयर ग्रे मार्केट में 33.42% यानी ₹130 प्रति शेयर के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। ऐसे में अपर प्राइस बैंड ₹389 के हिसाब से इसकी लिस्टिंग ₹519 पर हो सकती है। हालांकि, ग्रे मार्केट प्राइस से केवल अनुमान लगाया जा सकता है, और वास्तविक लिस्टिंग प्राइस इससे भिन्न हो सकती है।
रेखा झुनझुनवाला बेच रही हैं 27.23 लाख शेयर:
OFS के तहत रेखा राकेश झुनझुनवाला 27.23 लाख इक्विटी शेयर बेच रही हैं। इसके अलावा, इंटेंसिव सॉफ्टशेयर प्राइवेट लिमिटेड 22.40 लाख शेयर और इंटेंसिव फाइनेंस प्राइवेट 14.87 लाख शेयर बेच रही है।
IPO से जुटाए फंड का उपयोग:
कंपनी IPO से जुटाए गए फंड का उपयोग कुछ बकाया उधारों के प्री-पेमेंट या री-पेमेंट और जनरल कॉर्पोरेट परपज में करेगी।
IPO क्या है?
IPO, यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग, वह प्रक्रिया है जिसके जरिए कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है, जिसे वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय शेयर्स बेचकर या नए शेयर इश्यू करके जुटाती है। इसी प्रक्रिया को IPO कहा जाता है।