सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इस बार की स्ट्रगल स्टोरी में हमने एक्टर अमित सियाल की कहानी को समेटा है। ये वही अमित सियाल हैं जिन्होंने सीरीज महारानी में नवीन कुमार, जामताड़ा में बृजेश भान और मिर्जापुर में राम शरण मौर्या का रोल निभाया है। अजय देवगन की फिल्म रेड में इन्होंने लल्लन सुधीर का किरदार निभाया था।

दोपहर 2 बजे अमित मुंबई स्तिथ दैनिक भास्कर ऑफिस पहुंचे। थोड़ी औपचारिकता के बाद उन्होंने संघर्ष की कहानी बतानी शुरू की। उन्होंने बताया कि पेरेंट्स के सामने खुद को साबित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना पड़ा, जहां उन्होंने कभी टैक्सी चलाई, तो कभी बर्तन धोए।

उन्होंने कहा- मैं इन कामों को छोटा नहीं मानता, जिसका नतीजा है कि मैं एक-एक करके सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहा हूं।

पढ़िए अमित सियाल की कहानी, उन्हीं की जुबानी….

मां-बाप के तानों से बचने के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने का प्लान बनाया

अमित 20-21 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया चले गए थे, जहां उन्होंने पढ़ाई के साथ छोटी-मोटी नौकरियां भी कीं। इस बारे में वे कहते हैं, ‘जब एक बार थिएटर से जुड़ा तो खुद को उससे दूर नहीं कर पाया। दिल्ली जाकर कुछ समय के लिए बैरी जॉन के एक्टिंग स्कूल में कोर्स भी किया।

पढ़ाई से वास्ता छूटता जा रहा था। मेरी यह कंडीशन देखकर मां-बाप को डर सताने लगा। हर दिन बस वे यही कहते थे- बेटा पढ़ाई पर ध्यान दो, लेकिन मुझे तो एक्टिंग के अलावा कुछ सूझ ही नहीं रहा था।

उस वक्त मेरा एक दोस्त हुआ करता था। उसकी भी कंडीशन ठीक मेरे जैसी थी। हम दोनों परिवार के तानों के मारे थे। उसी वक्त ऑस्ट्रेलिया में स्टूडेंट वीजा का रास्ता खुला था। इस बारे में जानकर दोस्त और मैंने तरकीब सोची। हमने प्लान किया कि हम ऑस्ट्रेलिया जाएंगे, वहां पर पढ़ाई और नौकरी करेंगे, जिससे घरवालों को भरोसा हो जाएगा कि हम भविष्य को लेकर सीरियस हैं।

बारी-बारी से हमने यह बात हमने घरवालों को बताई। पहले तो पापा ने साफ मना कर दिया, लेकिन फिर भी मेरा रोना-धोना चालू था। आखिरकार उन्हें मानना ही पड़ा, पर दोस्त अपने परिवार वालों को मनाने में नाकाम रहा।

इस तरह परिवार की रजामंदी मिलने के बाद मैंने ऑस्ट्रेलिया की तरफ रुख किया।’

ऑस्ट्रेलिया में कभी बर्तन धोए, तो कभी टैक्सी चलाई

अमित आगे कहते हैं, ‘ऑस्ट्रेलिया पहुंच कर मुझे जिंदगी का असली सबक मिला। मैंने पहले ही प्लान कर लिया था कि वहां पर नौकरी भी करूंगा और पढ़ाई भी। वहां पहुंचते ही मुझे एक होटल में बर्तन धोने का काम मिल गया। 6 घंटे के काम के लिए 35 डॉलर मिलते थे और खाना भी मिलता था।

मैंने कभी भी किसी काम को कमतर नहीं आंका, ना ही मेरे घरवालों ने। मैंने वहां बर्तन धोने के अलावा टैक्सी भी चलाई, डोर-टु-डोर सेल्समैन का भी काम किया।

ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में रहकर मैं गुजारे के लिए पेरेंट्स से मदद नहीं ले सकता था। इस कारण मैंने ही यह सारे काम करने का जिम्मा उठाया था।’

रणदीप हुड्डा के साथ भी टैक्सी चलाई

अमित जब ऑस्ट्रेलिया में रह रहे थे, तब उनकी मुलाकात एक्टर रणदीप हुड्डा से हुई थी, जो बाद में उनके बहुत अच्छे दोस्त बन गए। रणदीप से दोस्ती के बारे में अमित कहते हैं, ‘यह बात तबकी है, जब मैं 21 साल का था। मैं ऑस्ट्रेलिया में जहां रहता था, एक दिन रणदीप वहां आए थे। मेरा उनसे कॉमन फ्रेंड की वजह से मिलना हुआ था। पहली मुलाकात के बाद हम दोस्त बन गए।

जब भी मैं और रणदीप मिलते थे, तब सिर्फ फिल्मों की ही बातें करते थे। हमने साथ में टैक्सी भी चलाई है। रणदीप तो वहां पर मॉडलिंग भी करते थे।’