भोपाल  अंतर्राष्ट्रीय व भारतीय परिधान के परिपेक्ष में एटीडीसी फैशन डिजाइन कोर्स के माध्यम से मध्य प्रदेश की राजधनी भोपाल में फैशन शो ड्रीम्ज का आयोजन किया गया। फैशन शो के शो स्टोपर, फिल्म जगत के प्रसिद्ध एक्टर और डायरेक्टर रंजीत ने इस अवसर पर कहा कि एटीडीसी के छात्रों ने जो प्रदर्शन किया है

वह फैशन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलाॅजी न्यूयोर्क, अमेरिका और लंदन स्कूल ऑफ़ फैशन के स्तर का है। फैशन शो में एटीडीसी के छात्रों ने ट्रेडिशनल परिधान, भारतीय व पश्चिम परिवेश का समन्वय और समारोह में पहनी जाने वाली परिवेश मेेेेेेें आने वाले सीजन के अनुसार फैशन संग्रह दिखाया।

इस अवसर पर एटीडीसी ने हाल में संपन्न वर्ल्ड यूथ स्किल्स दिवस में चयनित प्रथम गोल्ड प्रविष्ट विजेता कुमारी मीनल अग्रवाल एफडीटी एटीडीसी की छात्रा को प्रशस्ति पत्र पुरस्कार से सम्मानित किया। कुमारी मीनल ने अफ्रीका के मसाई जनजाति से प्रेरित होकर समकालीन फैशन श्रंखला को डिजाइन किया।

इस अवसर पर एटीडीसी संस्थान के वाईस चेयरमैन व उद्योगपति राकेश वैद ने बताया कि भोपाल सेन्टर फैशन वेषभूषा की शैली को गति, जोश सृजन करने का एक मात्र संस्थान हो। एटीडीसी भोपाल के छात्र एवम छात्राओं को एक वर्ष मे ही खुद का व्यापार करने की क्षमता और भारत के एक्सपोर्ट में बडी कंपनियों में तुरंत रोजगार के दरवाजे खोल देता है।

इस अवसर पर सेलिब्रिटी डिजाइनर मुमताज खान ने ड्रीम्ज फैशन शो को विश्वस्तरीय बताया। उनकें अनुसार एटीडीसी के छात्रों में उच्च कोटि की प्रतिमा है और उनमे फैशन सेन्स है। एटीडीसी विश्व के जाने-माने परिधान उद्योग में अग्रणी दी गप एवम माक्र्स एंड स्पेंसर के साथ सामुदायिक विकास में भागीदारी कर रहा है।
इस अवसर पर राज्य के खादी और हथकररघा विकास की मैनेजिंग डायरेक्टर अनुभा श्रीवास्तवा आईएएस ने एटीडीसी की इस पहल का स्वागत किया। फैशन शो में खादी के वस्त्र का सफलतापुर्वक प्रदर्शन किया गया। एटीडीसी नाॅट-फॅार-प्राॅफिट वोकेशनल टेªनिंग संस्थान है।

यह संस्थान 1992 से देश के 83 सेंटर के माध्यम से वर्ष में दस हजार से अधिक छात्रों को डिग्री, डिप्लोमा व सर्टिफिकेट प्रोग्राम प्रदान करवाता है। एटीडीसी केंद्र के सोशल जस्टिस मंत्रालय दृवारा उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कृत है। एटीडीसी के सभी केंद्रों में नवीनतम सिलाई मशीन, पैटर्न लैब, कम्यूटर लैब, नवीनतम उपकरण व योग्य फैकल्टी है जो निर्यातकों के मानकों के हिसाब से परिधान बनाती व सिखती है। अब तक साढे़ तीन लाख से ज्यादा छात्र एटीडीसी से पास होकर रोजगार प्राप्त कर चुके हैं।