सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : अटल पेंशन योजना (APY) को 10 साल हो गए हैं। इस योजना की शुरुआत 9 मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, और तब से यह योजना लाखों भारतीयों के लिए भविष्य की आर्थिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन बन गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य 60 साल की उम्र के बाद भारतीय नागरिकों को मासिक पेंशन प्रदान करना है, जिससे वे अपने बुढ़ापे में आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।

अटल पेंशन योजना के तहत हर महीने 1000 से 5000 रुपये की पेंशन मिलती है, जो व्यक्ति की निवेश राशि पर निर्भर करती है। योजना के अंतर्गत, 18 से 40 साल के लोग इसमें निवेश कर सकते हैं। निवेश की न्यूनतम अवधि 20 साल होती है। इस योजना में निवेश करने वालों को 1000 से लेकर 5000 रुपये तक की पेंशन मिल सकती है, जो उनके योगदान पर आधारित होती है।

उदाहरण के लिए, अगर कोई 18 साल की उम्र में योजना को चुनता है तो उसे हर महीने 42 रुपये से लेकर 210 रुपये तक का योगदान करना होगा, जबकि अगर वह 40 साल की उम्र में योजना में शामिल होता है तो उसे हर महीने 291 रुपये से लेकर 1454 रुपये तक का योगदान करना होगा।

योजना की प्रमुख विशेषताएं में सब्सक्राइबर के निधन के बाद उनके जीवनसाथी को पेंशन का लाभ मिलना और 60 साल से पहले ग्राहक की मृत्यु होने पर जीवनसाथी को APY खाते में जमा राशि निकालने का विकल्प होता है।

हालांकि, टैक्सपेयर इस योजना में भाग नहीं ले सकते, क्योंकि 1 अक्टूबर 2022 से इस पर नए नियम लागू हो गए हैं।

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