सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मंत्रालय में अटल भू-जल योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिंचाई कार्यों में स्मार्ट इरिगेशन इनोवेशन को प्राथमिकता से शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि यह तकनीक भू-जल संवर्धन के साथ-साथ फसल उत्पादकता बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध हो रही है।
निदेशक सिलावट ने बताया कि अटल भू-जल योजना का उद्देश्य भू-जल स्तर में सुधार, टिकाऊ जल स्रोतों का निर्माण और कृषि उत्पादन में वृद्धि है। इस दिशा में निवाड़ी और सागर जिलों में डेमो उपकरण लगाए गए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इससे जल दोहन, बिजली व्यय और पंप रख-रखाव में कमी आई है। मोबाइल से सिंचाई नियंत्रण की सुविधा किसानों के लिए लाभकारी रही है।
योजना के तहत बुंदेलखंड क्षेत्र के 6 जिलों के 9 विकासखंडों की 670 ग्राम पंचायतों में 303 करोड़ रुपये से अधिक लागत से 3834 जल संरचनाएं निर्मित कर 92.60 मिलियन क्यूबिक मीटर जल का संरक्षण किया गया। इनमें से 163 ग्राम पंचायतों में भू-जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई।
निवाड़ी विकासखंड, जो पहले सेमी-क्रिटिकल श्रेणी में था, अब संरक्षित श्रेणी में आ गया है। 1500 से अधिक किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम उपलब्ध कराकर 2000 हेक्टेयर क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाया गया है। 18 चरणों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से 2.70 लाख से अधिक मानव संसाधनों को प्रशिक्षित किया गया, जिनमें महिलाओं की भागीदारी 45% रही।
#अटलभूजलयोजना #जलसंरक्षण #स्मार्टइरिगेशन #भूजलसंसाधन #बुंदेलखंड #सिंचाईयोजना