भोपाल । फर्जी डिग्री उपलब्ध कराने के मामले में आरकेडीएफ विवि के सहायक प्राध्यापक केतन सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी तीन पहले हैदराबाद पुलिस ने की है। गिरोह के लोगों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर भोपाल में यह गिरफ्तारी की गई है।कैतन सिंह उस गिरोह का सदस्य है, जिसके 10 लोगों को हैदराबाद पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। यह गिरोह मप्र में भोपाल और सागर के निजी विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री उपलब्ध करवाता था। प्राप्त जानकारी के अनुसार हैदराबाद पुलिस ने कुछ दिन पहले गिरोह का पर्दाफाश किया था।
इसके बाद जांच में भोपाल के आरकेडीएफ विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक का नाम आने पर उसे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद प्रारंभिक पूछताछ में केतन सिंह ने स्वीकार किया है कि वह गिरोह में एजेंट का काम करता था। अब तक उसने 29 फर्जी डिग्री उपलब्ध करवाई हैं। इसके एवज में उसने रुपये भी लिए हैं, कितने रुपये लिए हैं यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।
यह गिरोह ऐसे छात्रों से संपर्क करता था, जो अनुत्तीर्ण (फेल) हो जाते थे। हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई में टास्क फोर्स नार्थ जोन टीम शामिल थी। बताया जाता है कि हैदराबाद पुलिस टीम ने आसिफ नगर पुलिस थाना हैदराबाद के मेहदीपट्नम में छापा मारकर गिरोह के सदस्यों को पकड़ा था। उनसे पूछताछ में आरकेडीएफ के शिक्षक केतन सिंह का नाम सामने आया था। पुलिस को गिरोह के सदस्यों से मदुरै कामराज विश्वविद्यालय की 178, मद्रास विवि की 23, आरकेडीएफ भोपाल की 29, स्वामी विवेकानंद विवि सागर की 44 फर्जी डिग्रियां मिली हैं।आरोपितों से पूछताछ में हैदराबाद पुलिस को जानकारी मिली है कि इस रैकेट में शामिल जालसाजों ने फर्जी डिग्रियों के लिए रेट लिस्ट बना रखी थी।
बीटेक की फर्जी डिग्री के लिए तीन लाख, बीकाम और बीए की डिग्री के लिए डेढ़ लाख रुपये लिए जाते थे। वहीं बीएससी के लिए 1.75 लाख रुपये, एमबीए की फर्जी डिग्री के लिए 2.75 लाख रुपये लेते थे। इस बारे में पुलिस कमिश्नर भोपाल मकरंद देऊस्कर का कहना है कि तीन दिन पहले हैदराबाद पुलिस भोपाल पहुंची थी। उन्होंने आरकेडीएफ से सहायक प्राध्यापक केतन सिंह की गिरफ्तारी के बाद सूचना भोपाल पुलिस को दी थी। आरोपित को पुलिस साथ लेकर चली गई है।