सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: पशुओं के प्रति जिम्मेदाराना और मानवीय व्यवहार को बढ़ावा देने के प्रयास में, प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) परियोजना के अंतर्गत, भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में पशु नैतिक विचार और जैविक प्रयोगों में पशु प्रबंधन पर एक दिवसीय व्यावहारिक कार्यशाला सफलतापूर्वक आयोजित की गई। जैव रसायन और आनुवंशिकी विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को विभिन्न जानवरों को सुरक्षित और दयालु तरीके से संभालने में व्यावहारिक कौशल प्रदान करना था। कार्यक्रम माननीय कुलपति प्रोफेसर एस.के.जैन के सहयोग और मार्गदर्शन से आयोजित किया जाता है। इस आयोजन को सफल बनाने में उनका प्रोत्साहन और नेतृत्व महत्वपूर्ण रहा है।

मुख्य अतिथि का उद्बोधन
निदेशक रागिनी गोठलवाल, डीन लाइफ साइंसेज, जैव प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख ने विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और इस कार्यक्रम के बारे में एक व्यावहारिक भाषण दिया कि कैसे इस तरह की कार्यशालाएं अकादमिक उत्कृष्टता और अनुसंधान के लिए मूल्यवान अवसर प्रदान करती हैं।
मुख्य वक्ताओं द्वारा उद्बोधन
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में, प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञ और मुख्य वक्ता, एम्स भोपाल में ट्रांसलेशनल मेडिसिन की प्रोफेसर मेघा कटारे पांडे और नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर की प्रोफेसर वंदना गुप्ता ने अपने व्याख्यान दिए।
पीएम उषा परियोजना का परिचय
पीएम उषा परियोजना के नोडल ऑफिसर विपिन व्यास ने छात्रों को पीएम उषा पहल के रूप में कार्यान्वित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के विवरण और रूपरेखा से परिचित कराया।
पुस्तक विमोचन समारोह
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में जैव रसायन और आनुवंशिकी विभाग की प्रमुख रेखा खंडिया ने अपनी नवीनतम पुस्तक ” गाइडलाइन्स फॉर एनिमल एथिकल कन्सिडरेशंस एंड एनिमल हैंडलिंग इन बायोलॉजिकल एक्सपेरिमेंट ” का आधिकारिक रूप से विमोचन किया। उन्होंने जैविक प्रयोगों में नैतिक जिम्मेदारियों के महत्व पर प्रकाश डाला।
सत्रों का संचालन एवं छात्रों की सहभागिता
अतिथि संकाय पूजा पांडे ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया और स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम के अगले सत्र में आमंत्रित विशेषज्ञ मेघा कटारे पांडे और वंदना गुप्ता ने पशुओं के प्रबंधन में शामिल नैतिक मानकों और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर व्यावहारिक निर्देश और मार्गदर्शन प्रदान किया। इस कार्यक्रम में कई विभागों के विभागाध्यक्ष और संकाय सदस्य मौजूद थे। कार्यशाला के लिए लगभग 110 छात्रों ने पंजीकरण कराया, जो उनके उत्साह को दर्शाता है।
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