सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र भोपाल में राज्य रक्ताधान परिषद मध्य प्रदेश द्वारा दो दिवसीय कार्यक्रम मे प्रशिक्षण एवं समीक्षा बैठक का आयोजन किया । सरकारी एवं निजी रक्त केन्द्रों के लिए विकसित लाइसेन्स के आवेदन हेतु भारत सरकार द्वारा Online National Drugs Licensing System (ONDLS) पोर्टल एवं ई-रक्तकोष पोर्टल बनाया गया है, जिसके प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत बीएमएचआरसी में प्रदेश से आए करीब 206 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (म.प्र) की प्रबंध संचालक सुश्री प्रियंका दास ने सभागार को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश हमेशा ही तकनीक और नवाचार को अपनाने मे अग्रणी रहा है। ब्लड बैंक को लेकर सरकार का क्या दृष्टिकोण है इस बात को ध्यान मे रखते हुए ब्लड बैंक को कार्य करना चाहिए। ब्लड बैंक की कार्यप्रणाली किस प्रकार की हो यह महत्वपूर्ण है। चूंकि रक्त का निर्माण नहीं किया जा सकता इसलिए रक्त का संग्रह इस प्रकार किया जाना चाहिए कि लोगों को सही समय पर उनके ब्लड ग्रुप का ब्लड मिल सके। इमरजेंसी में तो रक्त दान होता ही है लेकिन एनिमिया, थैलिसीमिया, हीमोग्लोबिनोपैथी और सिकिल सेल को देखते हुये नियमित तौर पर ब्लड डोनेशन कैंप द्वारा एकत्र ब्लड का उपयोग सही दिशा में जरूरतमंदों के लिए होना आवश्यक है।
बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक मनीषा श्रीवास्तव ने कहा कि कुछ समय पहले तक लोगों को ब्लड ट्रान्स्फ्यूजन मेडिसिन क्षेत्र के बारे में जानकारी नहीं थी लेकिन अब ब्लड बैंक बहुत आधुनिक बन जाने से बेहतर सुविधाएं मिल रहीं हैं। वर्ष 2006 में रक्ताधान विभाग के एक ट्रेनिंग प्रोग्राम से जुडने के बाद से अभी तक 3000 लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। । पहले जहां लाइसेन्स के लिए कागजी कार्यवाही बहुत होती थी, वहीं अब ऑनलाइन आवेदन की सुविधा होने से आसानी हो गई है। रक्ताधान विधा समाज से जुड़ी विधा है और एक रुचिकर क्षेत्र है, जिसके माध्यम से जन सेवा की सकती है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, इंदौर से आए डिप्टी ड्रग्स कंट्रोलर, श्री गौरव कुमार ने कहा कि ऑनलाइन लाइसेन्स रिन्यूवल के लिए सभी लोगों की जिज्ञासा और समस्या के समाधान के लिए ही इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन, मध्य प्रदेश के डिप्टी ड्रग्स कंट्रोलर, श्री शोभित कोष्टा ने कहा कि इस क्षेत्र में ऑनलाइन ट्रेनिंग में आने वाली समस्याओं का तकनीकी सॉफ्ट वेयर के माध्यम से अपग्रेड कर समाधान किया जा सकता है। डॉ रूबी खान, उपसंचालक एसबीटीसी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (म.प्र) की प्रबंध संचालक सुश्री प्रियंका दास का आभार व्यक्त कर कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में ब्लड बैंक का एक अहम योगदान है क्योंकि इलाज के दौरान जीवन न बच पाने के पीछे दो ही मुख्य बिन्दु होते है- डाइग्नोस न होना या रक्त न मिलना इसलिए आवश्यक है कि ब्लड बैंक अग्रणी रहकर कार्य करे और सिकिल सेल एवं थाइलिसिमिया के मरीजों का रजिस्ट्रेशन अवश्य करें जिससे मरीज़ों को उपचार और सुविधा मिल सके।