सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: वॉशिंगटन अमेरिका की पूर्व कप्तान और दिग्गज फुटबॉलर एलेक्स मॉर्गन ने 35 साल की उम्र में फुटबॉल से संन्यास ले लिया है। मॉर्गन ने अपने करियर का आखिरी मैच सैन डिएगो वेव्स की ओर से विमेंस सॉकर लीग में खेला, जिसमें उनकी टीम उत्तरी कैरोलिना से 1-4 से हार गई। इस मैच के साथ मॉर्गन का 16 साल लंबा अंतरराष्ट्रीय करियर समाप्त हो गया, जिसमें उन्होंने 2 ओलिंपिक मेडल और 2 फीफा वर्ल्ड कप जीते।

समान वेतन की आवाज उठाने वाली पहली फुटबॉलर

मॉर्गन ने सिर्फ अपने खेल से ही नहीं, बल्कि समान वेतन की मांग को लेकर भी दुनिया भर में पहचान बनाई। उन्होंने साथी खिलाड़ियों के साथ मिलकर अमेरिकी फुटबॉल में महिला और पुरुष खिलाड़ियों के वेतन में असमानता के खिलाफ आवाज उठाई थी। इस मुद्दे पर 6 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 2022 में उन्हें सफलता मिली, जब अमेरिकी महिला और पुरुष फुटबॉल टीमों को समान वेतन देने का फैसला हुआ।

वर्ल्ड कप और ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन

मॉर्गन ने 224 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 123 गोल किए और वे अमेरिका की 9वीं सबसे ज्यादा मैच खेलने वाली और 5वीं सबसे ज्यादा गोल करने वाली खिलाड़ी बनीं। 2011 वर्ल्ड कप, 2015 वर्ल्ड कप और 2019 वर्ल्ड कप में मॉर्गन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने लंदन ओलिंपिक 2012 में गोल्ड मेडल जीता और 2020 टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।

सफलताओं से भरा करियर

मॉर्गन को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले, जिनमें 4 बार कॉनकाकेफ प्लेयर ऑफ द इयर अवॉर्ड और 2022 में गोल्डन बूट अवॉर्ड शामिल हैं। वे फीफा प्रो विमेंस वर्ल्ड-11 में 6 बार चुनी गईं और 2013 में उन्हें अमेरिका की ऑल टाइम बेस्ट नेशनल वुमन टीम में शामिल किया गया था।

एलेक्स मॉर्गन का फुटबॉल करियर उनकी अद्वितीय उपलब्धियों और समर्पण की मिसाल है, और वे हमेशा फुटबॉल जगत की महानतम खिलाड़ियों में गिनी जाएंगी।