सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका ने लगातार चौथी बार भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनने का मुकाम हासिल किया है। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर तक पहुंच गया। वहीं, चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 99.2 अरब डॉलर हो गया, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 85.07 अरब डॉलर था।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत का अमेरिका को निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 11.6 फीसदी बढ़कर 86.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि चीन के साथ निर्यात में 14.5 फीसदी की गिरावट आई और यह 14.25 अरब डॉलर रह गया। अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष 41.18 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष 35.32 अरब डॉलर था। भारत का मुख्य निर्यात अमेरिका को औषधि निर्माण, दूरसंचार उपकरण, कीमती पत्थर और पेट्रोलियम उत्पादों से संबंधित है।

इसके विपरीत, चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ा है, क्योंकि चीन से आयात 11.52 फीसदी बढ़कर 113.45 अरब डॉलर पर पहुंच गया। चीन अब भी भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात ने 100.5 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ तीसरी रैंक हासिल की है।

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों के भविष्य को लेकर सकारात्मक उम्मीदें जताई जा रही हैं, और दोनों देशों के बीच एक व्यापार समझौता भी प्रस्तावित है, जिसके तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

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