सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: अमेरिका के आयोवा और ओक्लाहोमा राज्यों में बवंडरों की वजह से तबाही का मंजर है। अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, तूफान की वजह से अब तक एक नवजात समेत 4 लोगों की मौत हुई है। वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। टॉरनेडो की वजह से अकेले सल्फर शहर में 30 से ज्यादा लोग घायल है।

यहां ज्यादातर इमारत नष्ट हो चुकी हैं और अब तक पांच हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। आयोवा और ओक्लाहोमा में तूफान से 500 से ज्यादा घर तबाह हो गए। ओक्लाहोमा के गवर्नर केविन स्टिट ने बताया कि पूरे शहर में तबाही मच गई है। लोगों के व्यापार को नुकसान पहुंचा।

20 हजार से ज्यादा लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हो गए हैं। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक शनिवार-रविवार के बीच वहां एक साथ 35 टॉरनेडो रिकॉर्ड किए गए थे। वहीं शुक्रवार को यह आंकड़ा 70 के पार था।

व्हाइट हाउस के अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को ओक्लाहोमा के गवर्नर से बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। अधिकारियों के मुताबिक शनिवार रात को शहर में टॉरनेडो की वजह से तेज बारिश भी हुई, जिससे इलाके में बाढ़ गई। इसकी चपेट से कई कारें पलट गईं और इमारतों की छत और दीवारें टूट गईं। इसके बाद लोगों की मदद के लिए इमरजेंसी टीमों को भेजा गया।

मौसम विभाग की चेतावनी के बाद अमेरिका की 12 काउंटीज में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। ओक्लाहोमा के मौसम विभाग ने रविवार को 250 बवंडर और 494 गंभीर तूफान की चेतावनी जारी की थी।ओक्लाहोमा में इससे पहले 1974 और 2011 में इतने बड़े पैमाने पर बवंडर आए थे।

अमेरिका में आते हैं दुनिया के सबसे ज्यादा टॉरनेडो​​​​​

अमेरिका की नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक, वैसे तो टॉरनेडो दुनिया में कभी आ सकते हैं, लेकिन अमेरिका में ये सबसे ज्यादा संख्या में आते हैं। अमेरिका में ही सबसे ज्यादा टॉरनेडो कांसस, ओकलाहोमा, टेक्सास जैसे मैदानी इलाकों में ज्यादा आते हैं।

NOAA यानी नेशनल ओशियेनिक एटमोस्फेयरिक एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि टॉरनेडो की वजह से अमेरिका में हर साल 50 जानें चली जाती हैं। वहां साल 2011 में बहुत ही विनाशकारी टॉरनेडो आए थे, जिसमें 580 से ज्यादा लोगों ने अप्रैल और जून में अपनी जान गंवा दी थी। अनुमान लगाया गया है कि इस वजह से देश को 21 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।