सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: संसद के शीतकालीन सत्र के 18वें दिन अंबेडकर के अपमान का मुद्दा गरमाया। लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामे के चलते कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी सांसदों ने “जय भीम” के नारे लगाते हुए गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कड़ा विरोध जताया।
क्या है विवाद?
मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा, “अगर कांग्रेस उतनी बार भगवान का नाम लेती जितनी बार अंबेडकर का नाम लेती, तो स्वर्ग में जगह मिल जाती।” कांग्रेस ने इसे बाबा साहेब का अपमान बताते हुए संसद के गेट पर प्रदर्शन किया, जिसमें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल हुए।
सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप
- कांग्रेस का आरोप: कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने शाह के बयान को आपत्तिजनक बताते हुए कहा, “बाबा साहेब ने संविधान के जरिए वंचित वर्ग को अधिकार दिए। उनकी भक्ति पर सवाल न उठाएं।”
- सरकार की प्रतिक्रिया: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल वोट बैंक की राजनीति के लिए करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने बाबा साहेब को भारत रत्न देने में देरी की और 1952 में षडयंत्र के तहत उन्हें चुनाव हरवाया।”
वन नेशन वन इलेक्शन पर भी गरमाया मुद्दा
वन नेशन वन इलेक्शन बिल को लेकर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने इसे जेपीसी के पास भेजने की मांग की। 17 दिसंबर को बिल पेश करने के दौरान इलेक्ट्रॉनिक और पर्ची मतदान में कुल 269 वोट पक्ष में और 198 वोट विपक्ष में पड़े।
शाह का बयान:
गृह मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि भाजपा धर्म के आधार पर आरक्षण लागू नहीं होने देगी। उन्होंने कांग्रेस पर मुस्लिम पर्सनल लॉ लाकर यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू न करने का आरोप लगाया।
निष्कर्ष:
अंबेडकर के अपमान से जुड़े बयान और वन नेशन वन इलेक्शन बिल के मुद्दों ने संसद के शीतकालीन सत्र को विवादित बना दिया है। भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
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