भोपाल । । मध्यप्रदेश में टोल टेक्स के नाम पर गजब का फर्जीवाड़ा चल रहा है। हाल ये है कि ठेकेदार कंपनी रोड की लागत से कई गुना अधिक पैसा वसूल लेती है। इस संबंध में इंदौर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है।
जावरा नयागांव सड़क और लैंबड जावरा रोड के टोल नाके को बंद करने के लिए रतलाम के पूर्व मेयर पारस सकलेचा ने यह याचिका दायर की है। इस याचिका में याचिकाकर्ता पारस सकलेचा ने एमपीआरडीसी को भी पक्षकार बनाया है। याचिकाकर्ता सकलेचा का कहना है कि टोल 25—25 साल वसूली के टेंडर कर रही है। बुधवार को इस पर सुनवाई होनी थी हालांकि इसका नंबर नहीं आ सका।
रोड की लागत से कई गुना अधिक पैसा – प्रदेश में जबर्दस्त टोल वसूली को लेकर पत्रिका ने अभियान शुरु किया है। इसी बीच सकलेचा की याचिका सामने आई है। टोल के नाम पर रोड की लागत से कई गुना अधिक पैसा ठेकेदार कंपनी वसूल लेती है। याचिका में यही मामला उठाया गया है।
याचिका में बताया गया है कि जावरा नयागांव रोड पीपीपी मोड पर बनी थी। यह रोड करीब 450 करोड़ रुपए में बनी थी। नवंबर 2020 तक टोल बूथ पर यहां से गुजर रहे वाहनचालकों से 1461 रुपए वसूले जा चुके हैं। इसके बाद भी अभी वसूली जारी है। इसी तरह लैंबड जावरा मार्ग 605 करोड़ रुपए में बना था। नवंबर 2020 तक इस रोड पर भी टोल के रूप में 1315 करोड़ रुपए वसूले जा चुके थे।
एमपीआरडीसी को भी पक्षकार बनाया
दोनों मार्गों पर टोल टेक्स बंद किए जाने की मांग करनेवाली इस याचिका में याचिकाकर्ता पारस सकलेचा ने एमपीआरडीसी को भी पक्षकार बनाया है। याचिकाकर्ता सकलेचा का कहना है कि टोल 25—25 साल वसूली के टेंडर कर रही है। लागत से कई गुना अधिक पैसा ठेकेदार कंपनी वसूल लेती है।