भोपाल । विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम आज रविवार को सर्वदलीय बैठक करेंगे। इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के वरिष्ठ सदस्यों साथ चर्चा की जाएगी और इस बात पर सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा कि प्रश्नकाल बाधित न हो। प्रश्नकर्ता को प्रश्न पूछने का पूरा अवसर दिया जाए। विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र शांतिपूर्ण तरीके से चले और सारगर्भित चर्चा हो, इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष के वरिष्ठ सदस्यों के साथ चर्चा करेंगे।
मालूम हो कि पिछले कुछ सत्रों में यह देखा गया है कि प्रश्नकाल वाद-विवाद में ही निकल जाता है और प्रश्नकर्ता को मौका ही नहीं मिल पाता है। उधर पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर एक बार फिर मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सियासत गर्मा गई है। इस मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस काफी समय से आमने-सामने हैं। कमल नाथ सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था। जिसे भाजपा ने मुद्दा बनाया था।
इस मसले पर विचार के लिए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने रविवार को अपने निवास पर पिछड़ा वर्ग के सभी संगठनों के नेताओं की बैठक बुलाई है।इस बैठक में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने की रणनीति पर विचार किया जाएगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह कहते हैं कि कांग्रेस ने षड्त्र कर पंचायत चुनाव में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगवाई है। कोर्ट में राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने आरक्षण का विरोध किया। कांग्रेस ओबीसी वर्ग की विरोधी रही है।
पहले भी भाजपा सरकार ने सरकारी नौकरी में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया, तब कांग्रेस ने बाधा डाली। मुख्यमंत्री ने तीन परीक्षाओं को छोड़कर शेष में अभ्यर्थियों को लाभ देने का निर्णय लिया है। कांग्रेस ने विधानसभा को लिखित में दिया कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत है। यही जानकारी न्यायालय को भी दी गई। कांग्रेस को मालूम है कि उसके कार्यकर्ता जीत नहीं पाएंगे। इसलिए पिछड़ा वर्ग को मुख्य धारा से अलग करने की योजना बनाई गई।